नतीजों से पहले वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कल होगी सुनवाई
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ रहे हैं। नतीजों से पहले वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति दी है। याचिका में इवीएम वोटों की गिनती शुरू होते ही वीवीपैट के सत्यापन की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर 9 मार्च को सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मतगणना के आखिरी के बजाय इवीएम वोटों की गिनती की शुरुआत में ही वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए।
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे दी है। देखते हैं, इसमें क्या किया जा सकता है।’
10 मार्च को आएंगे विधानसभा चुनाव के नतीजे
गौरतलब है कि देश में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। यूपी में 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी और तीन और सात मार्च को सात चरणों में चुनाव हुआ था। उत्तराखंड और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान हो चुका है। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान हुआ था। वहीं, मणिपुर में दो चरणों 28 फरवरी और पांच मार्च को मतदान हुआ था। इन सभी राज्यों में वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।
क्या होता है वीवीपैट?
इवीएम मशीन के साथ ही वीवीपैट मशीन जुड़ी होती है। इवीएम में वोट डालने के बाद वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची में जानकारी होती है कि आपने किस पार्टी या उम्मीदवार को अपना वोट दिया है। वीवीपैट पर्ची से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि आपका वोट किसे गया है। वीवीपैट की पर्ची में उम्मीदवार का नाम और उसका चुनाव चिह्न छपा होता है। इसकी पर्ची मतदाता को नहीं दी जाती है।