मोहाली में खेली नाबाद 175 रन की पारी रवींद्र जडेजा की सर्वश्रेष्ठ पारी क्यों नहीं थी, गौतम गंभीर ने बताया कारण
रवींद्र जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ पारी मोहाली में खेली और भारत को पारी व 222 रन से जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। जडेजा की इस पारी के बारे में पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर कहा कि उनकी इस पारी से ज्यादा वैल्यू उन अर्धशतकीय पारियों की है, जो उन्होंने विदेशी धरती पर खेली हैं। गंभीर के मुताबिक, जडेजा ने दुनियाभर में अपने बल्ले से जिस तरह का प्रदर्शन किया है मोहाली की पारी उन सबका इम्प्रूव वर्जन है।
गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि रवींद्र जडेजा ने आस्ट्रेलिया में जो पारी खेली या भारत के बाहर उन्होंने जो पारियां खेली हैं, उससे उन्हें और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा। आंकड़े बहुत भ्रामक हो सकते हैं। मोहाली टेस्ट मैच में अपना शतक पूरा करने के बाद जडेजा धनंजय डी सिल्वा, चरिथ असलंका व लसिथ एम्बुलडेनिया की गेंद से साथ खिलवाड़ कर रहे थे, लेकिन अगर आप आस्ट्रेलिया या इंग्लैंड की बात करते हैं तो वहां पर 40 या 50 रन का योगदान भी शायद बहुत अधिक है और जडेजा की मोहाली टेस्ट में खेली गई पारी से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
गंभीर ने कहा कि रवींद्र जडेजा ने ओवरसीज कंडीशन में जिस तरह से बल्लेबाजी की है, ये नाबाद 175 रन उसका बाय-प्रोडक्ट है। आप सिर्फ अंतिम परिणाम देखते हैं, लेकिन इस 175 रन तक पहुंचने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं। जडेजा ने बेहद कठिन परिस्थितियों और कंडीशन में रन बनाए हैं और यही कारण है कि उन्हें नंबर 6 या फिर नंबर 7 पर मौका मिला। अगर जडेजा ने विदेशी धरती पर रन नहीं बनाए होते तो टीम मैनेजमेंट शायद जडेजा की जगह इस नंबर पर यानी नंबर 7 पर आर अश्विन के बारे में सोचती। जब आप कठिन स्थिति में रन बनाकर आते हैं तो आपके अपने टेस्ट रिकार्ड और आंकड़े सुधारने का मौका मिलता है। आपको बता दें कि मोहाली टेस्ट में जडेजा ने नाबाद 175 रन की पारी खेली और 9 विकेट भी लिए। उन्हें इस मैच में अच्छे प्रदर्शन के लिए प्लेयर आफ द मैच का भी खिताब दिया गया।