अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वार्न के वो तीन मैच जिसने उन्हें स्पिन का जादूगर बनाया
शेन वार्न अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार को 52 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। क्रिकेट के जानकार उनकी गेंदबाजी की बदौलत उन्हें जादूगर कहती थी। मैदान पर अब वो जादू नहीं दिखेगा लेकिन उन्होंने क्रिकेट फैंस के दिलों में जो अपनी छाप छोड़ी है उस जादू का असर कभी कम नहीं होने वाला है। तो आइए शेन वार्न के इसी जादू को करीब से जानते हैं जब उन्होंने अपनी गेंदबाजी से चमत्कार किया। वार्न और बाल आफ दे सेंचुरी एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं इसलिए बिना इसका जिक्र किए वार्न के सफर को पूरा नहीं किया जा सकता है। आइए जानते हैं वो तीन मौके जब वार्न ने अपने दम पर गेम पलट दिया।
द बाल आफ द सेंचुरी
इसे गेटिंग बाल भी कहा जाता है। इस एक खास गेंद ने शेन वार्न के अंतर्राष्ट्रीय करियर को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। 4 जून 1993 को इंग्लैंड के खिलाफ वार्न के हाथ से एक ऐसी गेंद निकली जिसने माइक गेटिंग के साथ पूरे क्रिकेट जगत को हक्का-बक्का कर दिया।
ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले जाने वाले इस मैच का दूसरा दिन था। इंग्लैंड टीम को कोई अंदाजा भी नहीं था कि अभी क्या होने वाला है। इंग्लैंड के खिलाफ ये वार्न की पहली गेंद थी। गेटिंग 4 रन के स्कोर पर थे जब वार्न ने ऐसी गेंद डाली कि जब तक वो समझ पाते उनका आफ स्टंप्स उखड़ चुका था। लेग स्टंप्स के काफी बाहर पिच हुई इस गेंद ने इतना टर्न लिया कि माइक गेटिंग के आफ स्टंप्स से जा टकराई। वार्न के इसी गेंद को बाल आफ द सेंचुरी कहा जाता है जिसके बाद वार्न ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दूसरा मौका, 1999 का वर्ल्ड कप
आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मैच में अफ्रीका 214 रनों का पीछा कर रही थी। उसने बिना किसी विकेट के 48 रन बना लिए थे। टीम जीत की तरफ तेजी से बढ़ रही थी। लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका अपने चोकर्स के टैग को खत्म कर लेगी लेकिन फिर हुआ वार्न का चमत्कार।
वार्न ने तीन ओवर की गेंदबाजी कर मैच आस्ट्रेलिया की तरफ मोड़ दिया। इस मैच को ग्रेटेस्ट वनडे इंटरनेशनल आफ आल टाइम कहा जाता है। इस मैच में वार्न 10 ओवर में 29 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
तीसरा मौका- आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एडिलेड 2006
एडिलेड में खेले जाने वाले टेस्ट मैच का 5वां दिन था। मैच का परिणाम ड्रा लग रहा था लेकिन वार्न को ये मंजूर नहीं था। इंग्लैंड ने पहली पारी में लीड लिया था और दूसरी पारी में उसके 9 विकेट हाथ में थे। वार्न का जादू चला और पूरी इंग्लैंड टीम 129 रन के स्कोर पर आउट हो गई। आस्ट्रेलिया ने यह मैच 6 विकेट से जीत लिया। वार्न ने इस मैच में 5 विकेट लिया था।