24 November, 2024 (Sunday)

US Presidential Election Result 2020: राष्‍ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस इतिहास रचने को तैयार, भारत-अमेरिका संबंधों को देंगी नया आयाम

अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी जीत के कगार पर है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इतिहास में यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। इस जीत में कई रिकॉर्ड एक साथ बनेंगे। दरअसल, अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी सत्‍ता में आती है तो कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस का उपराष्‍ट्रप‍ि बनना तय है। कमला हैरिस का उपराष्‍ट्रपति बनना एक इतिहास होगा। आइए जानते हैं आखिर हैरिस के चुनाव जीतने पर कौन-कौन से रिकॉर्ड बनेंगे? उनके जीत के क्‍या मायने होंगे? उनका भारतीय कनेक्‍शन क्‍या है? इसका अमेरिका और भारत के संबंधों का असर पड़ेगा?

हैरिस के उपराष्‍ट्रपति बनने पर कई रिकॉर्ड होंगे कायम

राष्‍ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत के साथ कमला हैरिस अमेरिकी इतिहास के कई नए अध्‍यायों को लिखने के लिए तैयार हैं। हालांकि, चुनाव परिणामों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी जीत के काफी करीब है। डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत के साथ ही कमला हैरिस को औपचारिक रूप से अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति के रूप में घोषित किया जाएगा। उस वक्‍त कई अमेरिका के राष्‍ट्रपति इतिहास में कई रिकॉर्ड एक साथ बनेंगे। जैसे- 55 साल की कमला हैरिस की मां भारतीय मूल की है। उनके पिता जमैका मूल के हैं। वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी हैं। उपराष्‍ट्रपति पद पर पहुंचने वाली पहली अश्‍वेत होंगी। अमेरिका में शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली महिला होंगी। हैरिस इस पद पर पहुंचने वाली पहली दक्षिण एशियाई होंगी।

कमला ने भारतीय अमेरिकी समुदाय को एकजुट किया

डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के रूप में चयन किया। पार्टी के इस फैसले के बाद भारतीय अमेरिकी समुदाय और एकजुट हुआ। इसका असर अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में भी दिखा। हैरिस ने भारतीय अमेरिकियों, विशेष रूप से डेमोक्रेट्स को लामबंद किया है। हैरिस की उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक बड़े वर्ग को वोट देने के लिए भी प्रेरित किया है। हैरिस ने अपने तमिल चाची को जो बाइडन के जीत की घोषणा की थी। बता दें कि अफ्रीकी अमेरिकी, एशियाई अमेरिकी, दक्षिण एशियाई अमेरिकी की एक बड़ी आबादी रहती है। इनकी संख्‍या करीब 40.5 लाख है। इसमें से करीब और 10.9 लाख भारतीय अमेरिकी मतदाता हैं।

2003 में सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुना गया

हैरिस का जन्‍म 1964 में ऑकलैंड में हुआ था। उनकी मां का नाम श्‍यामला गोपालन हैरिस था। उनके पिता डोनाल्‍ड हैरिस थे। डोनाल्‍ड हैरिस स्‍तन कैंसर वैज्ञानिक थे और जमैकाई मूल के थे। 1998 में ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्‍नातक की शिक्षा पूरी की। हैरिस ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2003 में उन्हें सिटी और सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था। इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनकर इतिहास रचा था।

जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद ट्रंप प्रशासन के विरोध में उतरीं

अश्‍वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हैरिस नस्लीय-न्याय कानून की प्रमुखता से वकालत करती रही हैं। उन्होंने समलैंगिक विवाह का समर्थन किया और उसकी वैधता के लिए भी मजबूत समर्थन दिया। अमेरिका में हुए अश्‍वेत आंदोलन के अभ‍ियान में उन्‍होंने बढ़चढ़ कर हिस्‍सा लिया। इस अभियान ने उन्हें डेमोक्रेट समर्थकों के बीच एक बड़ा आधार हासिल हुआ है।

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