बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाहता है ‘ड्रैगन’ चीन, विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट में जताई चिंता
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की इकोनामी को तबाह करने के लिए चीन बिल्कुल नई तरह की साजिश रच रहा है। वाशिंगटन स्थित एक स्वतंत्र मीडिया समूह ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। पिया शर्मन ने कहा कि, आर्थिक सुधार के लिए चीन का दृष्टिकोण बर्बादी, धोखाधड़ी और राजनीतिक हेरफेर का रहा है। अब चीनी संचालित भ्रष्टाचार बांग्लादेशी व्यापारिक उद्यमों, यहां तक कि सरकारी लेनदेन की कई परतों में प्रवेश कर गया है।
दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से बांग्लादेश आर्थिक सुधार की ओर देख रहा है। वह यह बीजिंग पर और भी अधिक निर्भर होने का जोखिम उठा रहा है, जो कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार से भरा हुआ है, जिसकी जवाबदेही न के बराबर है। शर्मन ने कहा, बांग्लादेश में चीनी परियोजनाओं के कई विस्तृत केस और पारदर्शी आचरण में शामिल होने में चीन की विफलता के परिणामों को प्रदर्शित करते हैं। बांग्लादेश में चीनी निवेश मानवाधिकारों का सम्मान करने में व्यवस्थित रूप से विफल रहा है।
बांग्लादेश में चीनी परियोजनाएं भी दोषपूर्ण भुगतान, खराब श्रम सुविधाएं, अव्यवहारिक और भ्रष्टाचार को दर्शाती हैं। ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश सरकार सरकारी दस्तावेजों और स्टांप्स के लिए जिस कागज का इस्तेमाल करती है, चीन ने जाली दस्तावेज बनाने के लिए उसी कागज की हूबहू नकल कर ली।
बांग्लादेश सरकार को इससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। चीन की कंपनी ‘डिजिट एंटी फेक कंपनी लिमिट’ ने यह फेक पेपर शीट्स चिटगांव की कंपनी अराफात एंटरप्राईजेस को भेजी। जब इसका खुलासा हुआ तो चीनी कंपनी ने अपनी वेबसाइट से इस कागज की डीटेल्स ही गायब कर दीं। इस कागज का चीन से भेजा गया एक कन्साइनमेंट भी चिटगांव बंदरगाह पर पकड़ा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सिर्फ पोर्ट ट्रेड फेक डॉक्यूमेंट्स ही नहीं बना रहा, बल्कि पासपोर्ट्स, नेशनल आईडेंटिटी कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट भी उसके भेजे कागज पर बनाए जा रहे हैं।
शर्मन ने कहा, बांग्लादेश के अधिकारियों ने डीएएफसी द्वारा संचालित एक वेबसाइट का पता लगाया, जिसमें बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड, सीमा शुल्क भुगतान के साथ बैंडरोल का उल्लेख है। इसके अलावा, बांग्लादेशी कामगार देश में खतरनाक चीनी संचालित अवैध कारखानों में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। जुलाई 2021 में बांग्लादेश के नारायणगंज की एक फैक्ट्री में लगी भीषण आग में कई दर्जन लोगों की मौत हो गई थी, जो दक्षिण एशियाई राष्ट्र के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए।
बता दें कि, बांग्लादेश दुनिया के ज्यादातर देशों को रेडीमेड गारमेंट्स एक्सपोर्ट करता है। माना जा रहा है कि चीन अब बांग्लादेश से यह मुकाम छीनने के लिए ही इस साजिश को अंजाम दे रहा है। हालांकि, जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाए जा रहे हैं, उनमें पासपोर्ट से लेकर बर्थ सर्टिफिकेट भी शामिल हैं।