UP Election 2022: जाट समाज की नब्ज पर अमित शाह ने रखा हाथ, मांगें सुन उन्हें दूर करने का दिया भरोसा, कहा- हम आपके साथ हैं
उत्तर प्रदेश में पहले और दूसरे चरण का चुनावी संग्राम पश्चिम में है और भाजपा के कुशल रणनीतिकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से मोर्चा संभाल लिया है। विपक्ष की ओर से वहां प्रभावी जाट समुदाय को पाले में लाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में 2014 से अब तक तीन बार जाट समुदाय को समझाने में सफल रहे शाह ने फिर से भाजपा के लिए उनका वोट सुनिश्चित करने की कोशिश की। बुधवार को दिल्ली में लगभग 250 जाट नेताओं के साथ बैठक में शाह ने उनकी नब्ज पर हाथ रखा। कुछ सुनी, कुछ सरकार की ओर से किए गए कामों का हवाला दिया और फिर पिछली सरकार में जाट युवाओं के उत्पीड़न व कानून-व्यवस्था का वर्णन किया तो जाट नेताओं में एकजुटता छा गई।
गृह मंत्री और जाट नेताओं ने रखे अपने पक्ष
भाजपा सांसद और जाट नेता प्रवेश सिंह वर्मा के आवास पर आयोजित बैठक में खुली बात हुई। शाह ने भाजपा शासनकाल में किसानों के कल्याण और जाट समाज के सम्मान के लिए उठाए गए कदमों को गिनाया। गन्ने के बकाया भुगतान की बात की तो जाट नेताओं ने समर्थन किया। शाह ने यह भरोसा भी दिया कि भुगतान में होने वाली देरी पर ब्याज के बारे में भी सरकार सोच रही है। उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में 42 चीनी मिलों में से 21 बंद हो गई थीं, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद यह सिलसिला रुक गया है। बैठक में मौजूद केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने यह भी बताया कि एथनाल के जरिये आमदनी बढ़ाने के लिए ही बड़े पैमाने पर खरीद हो रही है। जो खरीद पहले 250 करोड़ की थी अब वह बढ़कर 10 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। यह तभी संभव है जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा सरकार हो।
जयंत चौधरी को सपा में नहीं मिलेगा सम्मान
लगभग आधे घंटे के संबोधन में शाह ने पहले कुछ नाराज जाट नेताओं को सहलाया। उन्होंने कहा कि कई बार नाराजगी हो सकती है, लेकिन जाट और भाजपा का चरित्र एक है। जाट भी दोस्तों के लिए जीता है और भाजपा भी देश के लिए। शाह ने उन्हें याद दिलाया कि किस तरह उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में उनके आने के बाद से जाट समुदाय भाजपा के साथ एकजुट रहा है। उन्होंने 2014, 2017 और 2019 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का श्रेय जाट समाज को दिया। जाटों के सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी के सपा के साथ जाने को लेकर भी शाह ने जाट नेताओं की दुविधा दूर करने की कोशिश की।
‘जयंत ने गलत घर चुना’
अमित शाह ने कहा कि हम भी जयंत को चाहते थे, लेकिन उन्होंने खुद गलत घर चुन लिया। भविष्य में जयंत चौधरी का ख्याल रखने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि सपा में उनको सम्मान नहीं मिल सकेगा और सरकार बनने की स्थिति में जेल में बंद आजम खान ज्यादा प्रभावी हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर जाट समुदाय को सम्मान देने का काम किया, जो पहले किसी ने नहीं किया था।
कोई कैबिनेट मंत्री जाट नहीं होने का उठा मुद्दा
जाट नेताओं ने केंद्र सरकार में एक भी जाट के कैबिनेट मंत्री नहीं होने का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चौधरी वीरेंद्र सिंह को 75 साल का पूरा होने के कारण मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी। लेकिन उन्होंने यह भी बता दिया कि आज रिकार्ड संख्या में तीन जाट नेता राज्यपाल, नौ सांसद और सबसे ज्यादा विधायक हैं। संजीव बालियान के राज्यमंत्री के रूप में मोदी मंत्रिमडल में होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने साफ किया कि कैबिनेट में भी प्रतिनिधित्व का रास्ता खुला हुआ है।
शामली में बनने वाले अर्द्धसैनिक बलों के सेंटर पर बजी खूब तालियां
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था के कारण परेशानी झेलने वाले जाट समाज के नेताओं को अमित शाह ने पिछले पांच साल में आए बदलाव की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि आज आपकी बहू-बेटियां बेखौफ कहीं भी आ-जा सकती हैं और छेड़ने वालों को भागने के लिए मजबूर कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर दंगे का दंश झेल चुके पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं होने की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने चेताया कि भाजपा के नहीं आने की स्थिति में स्थिति फिर खराब हो सकती है। उन्होंने कहा कि शामली में सरकार केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों का सेंटर बना रही है। फिर उन्होंने संकेतों में कहा, आपको पता है न कि उन्हें देखकर कौन भागता है। इस बात पर बैठक तालियों से गूंज उठी।
सूत्रों के अनुसार, देशभक्ति पर जाट समुदाय और भाजपा के समान रुख पर अमित शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक का हवाला दिया और कहा कि सिर्फ मोदी सरकार ही अनुच्छेद-370 खत्म कर कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की हिम्मत दिखा सकती है।