विदेश नीति के शीर्ष सलाहकार ने चेताया- सोवियत संघ की तरह बिखर सकता है चीन, जानें क्या होगी इसकी वजह
अत्याधुनिक हथियारों और बड़ी सेना के बल पर दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का सपना देखने वाले चीन के नीति नियंताओं अब इसके खतरे का एहसास होने लगा है। देश की विदेश नीति मामलों के एक शीर्ष सलाहकार ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को चेताया है कि ‘पूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा’ की लालसा के साथ ही रक्षा पर अत्यधिक खर्च के कारण सोवियत संघ की तरह ही चीन का भी पतन हो सकता है।
सैन्य विस्तार करने से नुकसान
देश के शीर्ष राजनीतिक परामर्श निकाय चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (सीपीपीसीसी) के सदस्य जिया किंग्गुओ ने सोवियत संघ के पतन का उदाहरण देते हुए कहा कि लंबी अवधि की सुरक्षा के बजाय सैन्य विस्तार करने के नुकसान का प्रमाण सामने है। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट’ में रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जिया ने कहा कि पूर्ण सुरक्षा की लालसा से लागत में भारी वृद्धि होगी और लाभ काफी हद तक कम हो जाएंगे।
ऐसे होगा नुकसान
उन्होंने ‘जर्नल आफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज’ के नए संस्करण में कहा, ‘सुरक्षा की तुलनात्मक प्रकृति की उपेक्षा करना और आंख बंद करके इसे पूरी तरह से आगे बढ़ाना, देश को कम सुरक्षित बनाने की तरह होगा, क्योंकि इसमें असीम लागत आती है और यह पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहता है।’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल चीन का रक्षा बजट 200 अरब डालर था और विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल यह राशि और बड़ी हो जाएगी।
आक्रामक रवैये की आलोचना
जिया का 22 पन्नों का लेख चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ बारीक आलोचनाओं से भरा है। उन्होंने लिखा है कि रक्षा खर्च पर बहुत अधिक जोर देने से हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है, जिससे सभी देश कम सुरक्षित हो जाएंगे।
स्कूलों में पढ़ाया जाता है सोवियत संघ के पतन का पाठ
कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित यूनियन आफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक या सोवियत संघ के पतन को कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) के शीर्ष स्कूलों में प्रमुख पाठ के तौर पर पढ़ाया जाता है, ताकि वैसे फैसले न लिए जाएं जो उसके पतन के कारण बने थे। चीन के कई नेताओं ने भी अक्सर सीपीसी को सोवियत संघ से सबक लेने को कहा है।
चीन की अर्थव्यस्था के लिए खुद बड़ा खतरा हैं चिनफिंग : रिपोर्ट
एएनआइ के अनुसार, एक जापानी दैनिक में प्रकाशित रिपोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नीतियों को ‘विषम व खतरनाक’ बताते हुए आरोप लगाया गया है कि वह खुद ही देश की अर्थव्यस्था के लिए बड़ा खतरा हैं।
चिनफिंग की सियासत पर होगा असर
जापान के आर्थिक समाचार पत्र निक्केई एशिया ने एक चीनी राजनीतिक सूत्र के हवाले से कहा, ‘चिनफिंग कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले आर्थिक स्थितियों को बेहतर नहीं कर पाएंगे, जिसका असर उनकी राजनैतिक ताकत पर भी पड़ेगा। अति आत्मविश्र्वास चीन के विकास के लिए खतरनाक है। हम जिस आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं, उसमें अमेरिका से आगे निकलने का लक्ष्य और खिसकता जा रहा है।’