25 November, 2024 (Monday)

सूर्यवंशी’ से लेकर ‘स्पाइडरमैन नो वे होम’ तक इन फिल्म ने गाड़े बॉक्स ऑफिस पर झंड़े

कई खट्टी-मीठी यादों के साथ विदा ले रहा है साल 2021। फिल्मों की शूटिंग परकुछ समय के लिए ब्रेक लगा, सिनेमाघरों में कई बड़े सितारों की फिल्में रिलीज हुईं, पर दर्शक संख्या कम रही, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री सधे कदमों से आगे बढ़ती रही। ‘सूर्यवंशी’ और ‘स्पाइडरमैन नो वे होम’ फिल्मों की बाक्स आफिस कमाई जहां सुखद एहसास देने वाली रही, वहीं अब कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने चिंता बढ़ा दी है। फलस्वरूप ‘जर्सी’ फिल्म की रिलीज टाल दी गई है।

फिल्म जगत के लिए कैसा रहा यह साल, इस पर एक नजर…

साल 2020 से ही रिलीज का इंतजार कर रहीं बड़ी फिल्में ‘बेलबाटम’, ‘सूर्यवंशी’, ‘83’, ‘अंतिम- द फाइनल ट्रुथ’ इस साल सिनेमाघरों में रिलीज हुईं, लेकिन इनमें से ‘सूर्यवंशी’ को छोड़ दिया जाए तो कोई भी फिल्म ऐसी नहीं रही, जिसने भारी तादाद में दर्शकों को थिएटर तक खींचा हो। ‘सूर्यवंशी’ जल्द ही 200 करोड़ के क्लब में पहुंच जाएगी। ‘स्पाइडरमैन नो वे होम’ फिल्म ने भारत में अब तक लगभग 179 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है, ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हिंदी में डब हुई दक्षिण भारतीय फिल्में ‘मास्टर’ और ‘पुष्पा- द राइज पार्ट 1’ का भी स्वागत दर्शकों ने बाक्स आफिस पर किया। ‘मास्टर’ पहली फिल्म रही, जिसने 100 करोड़ के क्लब में एंट्री ली।

थिएटर व डिजिटल प्लेटफार्म चले साथ-साथ:

कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू होने से पहले जब थिएटर्स खुले थे, तब उसमें रिलीज होने वाली पहली फिल्म रही सीमा पाहवा निर्देशित ‘राम प्रसाद की तेहरवीं’। उसके बाद ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’, ‘ट्यूसडेज एंड फ्राइडेज’, ‘रूही’, ‘टाइम टू डांस’, ‘मुंबई सागा’, ‘संदीप और पिंकी फरार’, ‘साइना’, ‘हैलो चार्ली’ थिएटर्स में रिलीज हुईं। फिर कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर सिनेमाघरों पर गाज गिराई। इस बीच कई बड़ी फिल्मों ने डिजिटल का रास्ता अपनाया। ‘सरदार का ग्रैंडसन’, ‘शेरनी’, ‘हसीन दिलरुबा’, ‘तूफान’, ‘हंगामा 2’, ‘शेरशाह’ जैसी फिल्में डिजिटल पर रिलीज हुईं। कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ने पर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘बेलबाटम’ को थिएटर में रिलीज करने का फैसला लिया गया। फिल्म का वल्र्डवाइड कलेक्शन 53.07 करोड़ रुपये रहा।

इसके बाद सिनेमाघरों और डिजिटल प्लेटफार्म दोनों ही जगहों पर मेकर्स अपनी सुविधा के मुताबिक फिल्में रिलीज करते रहे। जहां ‘थलाइवी’ को सिंगल स्क्रीन थिएटर्स में ही जगह मिली, जिसके बाद इसे डिजिटल प्लेटफार्म पर दो हफ्ते में ही रिलीज कर दिया गया। वहीं ‘चेहरे’, ‘सूर्यवंशी’, ‘बंटी और बबली 2’, ‘सत्यमेव जयते 2’, अंतिम- द फाइनल ट्रुथ’, ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’, ‘तड़प’, ‘83’ ने सिनेमाघरों का रास्ता अपनाया। वहीं ‘रश्मि राकेट’, ‘सरदार ऊधम’, ‘हम दो हमारे दो’, ‘बाब बिस्वास’ जैसी बड़े स्टार्स की फिल्में डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज हुईं। ‘रश्मि राकेट’ के निर्देशक आकर्ष खुराना सिनेमाघर खुले होने के बावजूद अपनी फिल्म को डिजिटल प्लेटफार्म पर ले गए। वह कहते हैं, ‘हमारी फिल्म तैयार थी, इसलिए हमने इंतजार करना उचित नहीं समझा। अब डिजिटल की

तेज हुई काम की रफ्तार:

कोरोना काल में सुनियोजित तरीके से काम करने, आधुनिक तकनीक के प्रयोग से शूटिंग और फिल्म निर्माण की रफ्तार बढ़ी है। ‘डायल 100’, ‘धमाका’ और ‘फ्रेडी’ जैसी कई फिल्मों की शूटिंग कम वक्त में खत्म की गईं। हालांकि बड़े बजट, सेट और विभिन्न लोकेशंस वाली फिल्मों की शूटिंग अवधि पर कुछ खास प्रभाव नहीं दिखा। ‘लाल सिंह चड्ढा’, ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘पठान’ और ‘टाइगर 3’ जैसी बड़े बजट फिल्मों की शूटिंग विस्तृत शेड्यूल में ही की गई। कम अवधि में फिल्में शूट करने के ट्रेंड पर डायल 100’ के निर्देशक रेंसिल डिसिल्वा कहते हैं, ‘अगर फिल्म की शूटिंग जल्दी खत्म हो जाती है तो इसका मतलब फिल्म की तैयारी पर काफी काम हुआ है। पिछली सदी के आठवें-नौवें दशक में या इस सदी के शुरुआती कुछ वर्षों में हमारे यहां ऐसी बंधी स्क्रिप्ट बहुत कम होती थी, जिसमें शूटिंग के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सुनियोजित तरीके से लिखा होता है। कई निर्देशक तो सेट पर स्क्रिप्ट लिखते थे। ऐसी स्थिति में शेड्यूलिंग और शूटिंग का काम जल्दी से खत्म करना संभव ही नहीं है। अब हमारी इंडस्ट्री में ज्यादा अनुशासन है। किसी फिल्म की शूटिंग के लिए 50-60 दिन से ज्यादा नहीं देते हैं। स्क्रिप्ट पर पहले काम होता है। अब हमारी इंडस्ट्री ज्यादा पेशेवर तरीके से काम कर रही है।’

छाई रही रीमेक फिल्में:

रीमेक फिल्मों का चलन इस साल भी जारी रहा। इस साल रीमेक फिल्मों की शुरुआत नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई परिणीति चोपड़ा अभिनीत फिल्म ‘द गर्ल आन द ट्रेन’ से हुई, जो इसी नाम की हालीवुड फिल्म की रीमेक है। उसके बाद ईद पर सलमान खान की ‘राधे- योर मोस्ट वांटेड भाई’ रिलीज हुई। यह फिल्म दक्षिण कोरियाई फिल्म ‘द आउटलाज’ पर आधारित थी। रीमेक फिल्मों की सूची में मलयालम फिल्म ‘एज्रा’ की रीमेक ‘डिबुक’, मराठी फिल्म ‘लपाछपी’ की रीमेक ‘छोरी’, मराठी फिल्म ‘मुलशी पैटर्न’ की रीमेक ‘अंतिम- द फाइनल ट्रुथ’, तेलुगु फिल्म ‘आरएक्स 100’ की रीमेक ‘तड़प’ शामिल रहीं। साल के अंतिम दिन शाहिद कपूर अभिनीत इसी नाम से बनी तेलुगु फिल्म की रीमेक ‘जर्सी’ रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट को देखते हुए फिल्म

की रिलीज स्थगित कर दी गई। शाहिद कहते हैं, ‘कबीर सिंह’ और ‘जर्सी’ करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि रीमेक फिल्में करना वास्तव में मुश्किल है, क्योंकि इसमें आपको नयापन लाना पड़ता है। पूरे किरदार पर फिर से काम करना पड़ता है। हिंदी ‘जर्सी’ मूल फिल्म से बिल्कुल अलग है, किरदार के साथ लोकेशन में भी बदलाव किए गए हैं।’

चमके नए चेहरे:

इस साल हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाले चर्चित चेहरों में शरवरी वाघ, प्रणिता सुभाष और क्रिस्टल डिसूजा जैसी अभिनेत्रियां रहीं। कट्रीना कैफ की बहन इसाबेल कैफ ने फिल्म ‘टाइम टू डांस’ से अपने करियर की शुरुआत की। उसके बाद फिल्म ‘स्क्वाड’ से डैनी डेंजोंगपा के बेटे रिनजिंग डेंजोंगपा ने भी बतौर एक्शन हीरो हिंदी सिनेमा में कदम रखा। सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी की फिल्म ‘तड़प’ को सराहना मिली। दीपक तिजोरी की बेटी समारा तिजोरी ने फिल्म ‘बाब बिस्वास’ से बतौर सपोर्टिंग एक्टर हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया। एक्टिंग में आने को लेकर इसाबेल का कहना है, ‘मैं डांसर बनना चाहती थी। बहन कट्रीना के इस इंडस्ट्री में आने के बाद मैंने बालीवुड फिल्में देखना शुरू किया। तभी मेरा झुकाव अभिनय की तरफ हुआ। बालीवुड डांस और अभिनय दोनों को जोड़ता है।’ इसी साल अभिनेता संजय कपूर की बेटी शनाया कपूर, आमिर खान के बेटे जुनैद खान और इरफान खान के बेटे बाबिल के भी हिंदी सिनेमा में डेब्यू की योजना थी, लेकिन कोरोना की वजह से देरी हुई। इन तीनों

ने अपने पहले प्रोजेक्ट की शूटिंग शुरू कर दी है।

बायोपिक का रहा जलवा:

साल 2021 में बायोपिक फिल्मों में बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल पर आधारित फिल्म ‘साइना’, कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा की बायोपिक ‘शेरशाह’, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर आधारित फिल्म ‘थलाइवी’ और क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह पर बनी फिल्म ‘सरदार ऊधम’ शामिल रहीं। फिल्म में शीर्षक भूमिका निभाने वाले विकी कौशल कहते है, ‘प्रभावशाली व्यक्तित्वों की कहानियां सामने आनी चाहिए। उनकी सोच को जिंदा रखना व उसे युवाओं तक पहुंचाना जरूरी है। लोगों को अपने इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने की जिज्ञासा है। मेकर्स भी उन कहानियों को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।’ 196 करोड़ रुपए कमाई कर चुकी ‘सूर्यवंशी’ बाक्स आफिस पर खोई रौनक लौटने की उम्मीद जगाती है। 223 करोड़ रुपये के वल्र्डवाइड कलेक्शन के साथ कमाई में शीर्ष पर रही साल की शुरुआत में रिलीज तमिल फिल्म ‘मास्टर’।

 

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