अमेरिका के साथ सुरक्षा गारंटी योजना पर वार्ता को रूस तैयार, इसी महीने फिर हो सकती है पुतिन और बाइडन की वार्ता
यूक्रेन संकट के खत्म होने का संकेत देते हुए रूस ने किसी भी समय अमेरिका के साथ इलाके की सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करने वाली वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव किया है। राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने लंबित मामलों पर चर्चा के लिए इसी महीने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ वार्ता होने की संभावना भी जताई है। बीती सात दिसंबर को दोनों नेताओं की वीडियो काल के जरिये वार्ता हो चुकी है।
वार्ता के लिए रूस तैयार
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि सुरक्षा गारंटी पर वार्ता के लिए उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव किसी भी तटस्थ देश में जाने के लिए तैयार हैं। वहां पर क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखते हुए सुरक्षा गारंटी के लिए समझौते पर वार्ता हो सकती है। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने नहीं जा रहा। लेकिन रूस को यह खतरा है कि यूक्रेन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल हो सकता है। इसके बाद नाटो की मिसाइलें रूस के पड़ोस यूक्रेन में तैनात हो जाएंगी। इससे रूस की सुरक्षा को खतरा बढ़ जाएगा।
आशंकाओं के चलते फौज तैनात
गौरतलब है कि यूक्रेन की सीमा पर रूस के एक लाख से ज्यादा सैनिकों की तैनाती का यही कारण माना जा रहा है। पेस्कोव ने बताया कि सुरक्षा गारंटी संबंधी समझौते का मसौदा मास्को में बुधवार को अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री केरेन डानफ्रीड को सौंप दिया गया है। रूसी प्रवक्ता ने मसौदे के बिंदुओं को सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया है।
सख्त आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी
अमेरिका ने G-7 के मंच से रूस को सख्त आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी थी, जिसका ब्रिटेन ने भी समर्थन किया था। वहीं अन्य देश- फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा ने भी इस पर अपनी सहमति जताई है। जानकारी के मुताबिक एक संयुक्त बयान में यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। सभी देश मिलकर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की इस कार्रवाई को अंजाम दे सकते हैं।