23 November, 2024 (Saturday)

वियना परमाणु वार्ता में ईरान ने नहीं लगाई कोई शर्त, केवल समझौते की शर्त पूरी होते देखने की है इच्‍छा: माजिद तख्त रवांची

परमाणु समझौते में एक नई कड़ी जुड़ गई है। ईरान का संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA)को लेकर मिजाज अड़ा हुआ है। साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते पर हर बैठक में कुछ अलग होता है और इस बार ईरान इस समझौते को लेकर एक मजबूत रवैया अपनाया हुआ है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि माजिद तख्त रवांची ने बताया कि, JCPOA को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान ने कोई पूर्व शर्त या नई शर्तें नहीं लगा रहा और केवल परमाणु समझौते के पहले की शर्तों की बहाली देखना चाहता है।

आपको बता दें की वियना वार्ता, छह महीने के अंतराल के बाद हो रही है, ईरान और परमाणु समझौते के बचे हुए पक्षों पर, अमेरिका की अप्रत्यक्ष भागीदारी के साथ, समझौते को बहाल करने के लिए अपनी औपचारिक चर्चा फिर से शुरू कर दी है, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है, जिसमें ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अन्य देश शामिल हैं।

ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा

ईरान के स्थायी प्रतिनिधि माजिद तख्त रवांची ने जेसीपीओए की बहाली की बात आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘कोई गलती न करें, हम कोई पूर्व शर्त या नई शर्तें नहीं लगा रहे हैं। हम उन्हीं शर्तों के बारे में बात कर रहे हैं, जो इसमें पहले से लगाई गई हैं। जेसीपीओए और संकल्प 2231, ये वहीं शर्तें हैं जो जेसीपीओए की नींव बनाती हैं, और वही स्थितियां जो जेसीपीओए में पार्टियों की पारस्परिक प्रतिबद्धताओं के परिणामस्वरूप होती हैं,’ साथ ही रवांची ने जोर देकर कहा कि जो शर्ते पहले लगाई गई थी उनकी पूर्ण संतुष्टि के बिना ईरान के लिए परमाणु समझौता ‘बेकार’ है। आगे उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि क्योंकि ‘हम जेसीपीओए के पूर्ण, समय पर, बिना शर्त और सत्यापन योग्य कार्यान्वयन का आह्वान करते हैं।’

बता दें कि ईरान के परमाणु समझौते पर यह सातवें दौर की वार्ता है, जो 29 नवंबर को वियना में शुरू हुई और इसका उद्देश्य ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाना था।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *