ओमिक्रोन के खतरे के बीच भारत में बूस्टर डोज की तैयारी, सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार से मांगी इजाजत
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड वैक्सीन के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी मांगी है। समाचाए एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, एसआइआइ के अधिकारियों ने पर्याप्त डोज का हवाला देते हुए बूस्टर खुराक के रूप में वैक्सीन के लिए अनुमति मांगी है।
अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘ओमिइक्रोन’ के सामने आने बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने यह मांग की है। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया पहली भारतीय कंपनी है जिसने COVID-19 बूस्टर खुराक के लिए मंजूरी की मांग की है। केंद्र सरकार ने संसद को यह भी सूचित किया है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और COVID-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बूस्टर खुराक पर वैज्ञानिक साक्ष्य पर विचार कर रहे हैं।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों ने भी ओमाइक्रोन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से बूस्टर खुराक के लिए आग्रह किया है। हाल ही में एक मीडिया संगठन के साथ साक्षात्कार में एसआइआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अदार पूनावाला ने कहा कि आक्सफोर्ड के वैज्ञानिक एक नया टीका विकसित कर सकते हैं जो इस नए संस्करण के खिलाफ छह महीने के समय में बूस्टर के रूप में कार्य करेगा।
24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका में नए वैरिएंट ओमिइक्रोन की सूचना दी थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्पाइक प्रोटीन में इसकी उच्च संख्या में उत्परिवर्तन इसे पिछले सभी स्ट्रेन्स की तुलना में अधिक संक्रमित बना सकता है। दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा अधिकारियों ने बताया है कि वैरिएंट पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्तियों में पाया गया था और हल्के लक्षण नजर आए थे।