531 दिनों में सबसे कम हुए एक्टिव केस, पिछले 24 घंटे में 10,302 नए मामले हुए दर्ज
भारत में पिछले काफी समय से कोरोना वायरस के मामले में ज्यादा बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। त्योहारों का समय भी निकल गया, लेकिन संक्रमण काबू में रहा है। इसकी एक वजह वैक्सीनेशन भी हो सकती है। हालांकि, लोगों में कहीं न कहीं कोरोना का डर अब नहीं रहा है और सड़कों पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। अब मास्क भी कोई नहीं लगाता है। इस बीच भारत में कोविड-19 के ताजा आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं। शनिवार को ताजा अपडेट के अनुसार, भारत ने पिछले 24 घंटे की अवधि में 10,302 नए कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए। इसके साथ ही देश में COVID-19 मामलों की कुल संख्या 3 करोड़ 44 लाख 99 हजार 925 हो गई है, जबकि सक्रिय मामले घटकर 1,24,868 हो गए, जो 531 दिनों व मार्च 2020 के बाद सबसे कम हैं। बताया गया कि कुल मामलों के 1% से कम है सक्रिय केसलोड, वर्तमान में 0.36% है।
सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 267 लोगों की कोरोना वायरस से मौत भी हुई है। इसी के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,65,349 हो गई है। 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 1,752 की कमी आई है। इसके अलावा, राष्ट्रीय COVID-19 रिकवरी दर 98.29 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो पिछले साल मार्च के बाद से सबसे अधिक है।
नए कोरोना वायरस संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 43 सीधे दिनों के लिए 20,000 से नीचे रही है और लगातार 146 दिनों में 50,000 से कम दैनिक नए मामले सामने आए हैं। दैनिक सकारात्मकता दर 0.96 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले 47 दिनों से यह 2 फीसदी से भी कम है। साप्ताहिक सकारात्मकता दर भी 0.93 प्रतिशत दर्ज की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 57 दिनों से यह 2 फीसदी से नीचे है। बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 39 लाख 09 हजार 708 हो गई, जबकि मृत्यु दर बढ़कर 1.35 प्रतिशत हो गई। बीते दिन 11,787 लोग डिस्चार्ज हुए।
राष्ट्रव्यापी COVID-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में कोरोना वायरस के खिलाफ 115.79 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। भारत की COVID-19 टैली की बात करें तो 7 अगस्त (2020) को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख मामलों को पार कर गया था। यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख मामलों को पार कर गया था। 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। भारत ने 4 मई तक दो करोड़ मामलों और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर आंकड़ों को पार कर लिया था।