उपचुनाव नतीजों ने दी कांग्रेस को उम्मीद, भाजपा की बढ़ाई चिंता, जानें- क्षेत्रीय दलों का हाल
देश के 13 राज्यों में विधानसभा की 29 और लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में कई जगह बड़े उलटफेर हुए हैं तो कुछ राज्यों में सत्ताधारी दलों ने अपना दबदबा कायम रखा है। दीवाली से ठीक पहले आए इन नतीजों में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के नतीजों ने चुनौतियों से रूबरू हो रही कांग्रेस को राहत के साथ भविष्य की उम्मीद दी। वहीं भाजपा को हिमाचल में बड़ा झटका लगा और पार्टी लोकसभा की एक व विधानसभा की तीनों सीटों का उपचुनाव हार गई। हालांकि असम में भाजपा और उसके गठबंधन ने अपना वर्चस्व कायम रखा। तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल उपचुनाव में क्लीन स्वीप करते हुए भाजपा को बहुत पीछे छोड़ दिया।
हिमाचल प्रदेश के उपचुनाव परिणाम सबसे बड़े उलटफेर वाले साबित हुए। मंडी लोकसभा सीट के उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की जीत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट चार लाख वोटों के बड़े अंतर से जीती थी। विधानसभा की तीनों सीटें भी कांग्रेस के खाते में आईं और एक सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जमानत भी नहीं बची। हिमाचल प्रदेश में अगले साल के आखिर में चुनाव होने हैं और इन नतीजों से भाजपा की चिंता बढ़नी तय है। उपचुनाव के नतीजों पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस की हर जीत हमारी पार्टी के कार्यकर्ता की जीत है। नफरत के खिलाफ लड़ते रहो, डरो मत।’ हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ल ने कहा कि सूबे के चारों सीटों के परिणाम कांग्रेस के लिए सकारात्मक और केंद्र व जयराम सरकार के खिलाफ हैं।
राजस्थान की दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा को परास्त कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य ही नहीं, पार्टी की अंदरूनी राजनीति में भी अपने प्रभाव को और मजबूत कर लिया है। इसी तरह कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीआर बोम्मई के गढ़ में कांग्रेस ने भाजपा को मात देकर सत्ताधारी दल के खेमे में हलचल बढ़ा दी है। हालांकि भाजपा ने जदएस की एक सीट अपने खाते में कर इस झटके का असर कम करने की कोशिश की है। असम और मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजों ने भी भाजपा को राहत दी। असम में तो भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विधानसभा की पांचों सीटों के उपचुनाव जीत लिए। इसी तरह मध्य प्रदेश में विधानसभा की तीन और खंडवा की इकलौती लोकसभा सीट भाजपा ने अपने नाम की। यहां कांग्रेस विधानसभा की केवल एक सीट जीत सकी।
बंगाल में सत्ता पर अपनी पकड़ को और मजबूत करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा की सभी चारों सीटें न केवल जीत लीं बल्कि तीन सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। मेघालय में भी सत्तारूढ़ एनपीपी गठबंधन ने सूबे की सभी तीन विधानसभा सीटें जीत ली। दादरा-नगर हवेली लोकसभा सीट के उपचुनाव में शिवसेना ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को झटका देते हुए हैरतअंगेज जीत हासिल की। तेलंगाना की एकमात्र सीट के उपचुनाव में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को जरूर झटका लगा। सत्तारूढ़ टीआरएस से इस्तीफा देकर भाजपा में आए इटटला राजेंद्र ने यहां जीत हासिल की।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने दो सीटों पर हुई कड़ी टक्कर में राजद को मात देकर फिलहाल राज्य के सियासी संतुलन को डांवाडोल होने से रोक लिया। इसी तरह हरियाणा की इकलौती सीट पर इनेलो का कब्जा बरकरार रहा और यहां कोई उथल-पुथल नहीं हुई।