देश में बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान में जानें सबसे पहले किन्हें दी जाएगी प्राथमिकता
देश में अब बच्चों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित करने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में बच्चों के कोविड रोधी टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है। चूंकि जब देश में वयस्कों के टीकाकरण की शुरुआत की गई थी तो सबसे पहले बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को प्राथमिकता के दायरे में रखा गया था। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत में किन मसूमों को सबसे पहले वरीयता दी जाएगी।
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (National Immunization Technical Advisory Group, NTAGI) के अध्यक्ष डा. एनके अरोड़ा ने कहा कि देश में बच्चों के लिए कोविड रोधी टीकाकरण अभियान की शुरुआत में सबसे पहले गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होगी उन्हें बाद में टीका लगाया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए साक्षात्कार में डा. एनके अरोड़ा ने कहा कि हम बच्चों के टीकाकरण में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को प्राथमिकता देने जा रहे हैं ताकि हम तुरंत उनका महामारी से प्रतिरक्षण कर सकें। बाकी जो बच्चे स्वस्थ हैं उन्हें बाद में प्रतिरक्षित किया जा सकता है।
बच्चों के टीकाकरण के मसले पर डा. अरोड़ा ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं। हम उन बच्चों की पहचान की जा रही है जिन्हें गंभीर बीमारी होने और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। अगले कुछ हफ्तों के भीतर सूची सार्वजनिक कर दी जाएगी। इसके अलावा हम देश के विभिन्न हिस्सों के लिए ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं ताकि बीमार बच्चों को टीका लगवाने के लिए लंबी यात्रा ना करनी पड़े और उनके जिले में ही कोविड रोधी टीका उपलब्ध कराया जा सके।
मालूम हो कि अगस्त में ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के किशोरों में आपातकालीन उपयोग के लिए Zydus Cadila के डीएनए वैक्सीन को मंजूरी दी थी। अब बच्चों के टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की लांचिंग का इंतजार है। इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जायडस कैडिला ने अपनी वैक्सीन जायकोव-डी की कीमत 1,900 रुपये प्रस्तावित किया है। कीमत कम करने के लिए सरकार और कंपनी के बीच अभी बातचीत चल रही है।