शीर्ष अमेरिकी जनरल का दावा, तालिबान के साथ और जटिल होंगे पाकिस्तान के संबंध
अमेरिका के शीर्फ सैन्य अधिकारी ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंध निकट भविष्य में और अधिक जटिल हो जाएंगे। यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकाम) के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने मंगलवार को सीनेट में कहा, ‘मेरा मानना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के परिणामस्वरूप तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंध काफी जटिल होने जा रहे हैं।’
इस दौरान एक अन्य शीर्ष अमेरिकी जनरल मार्क मिले ने कहा कि अगर अमेरिका 31 अगस्त की समय सीमा के बाद अफगानिस्तान में रुका होता तो तालिबान के साथ उसका युद्ध में जाना लगभग तय था। दोनों जनरलों ने बाइडन के इस दावे का भी खंडन किया कि अल-कायदा अफगानिस्तान से चला गया है।
अमेरिका अफगान हवाई क्षेत्र में ना करें ड्रोन का इस्तेमाल
वहीं, तालिबान ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी ड्रोन लगातार अफगान हवाई क्षेत्र में काम कर रहे हैं जिसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। तालिबान ने अमेरिकी से उसके दायित्वों का पालन करने को कहा है। अमेरिका के इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन बताते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सभी देशों और वाशिंगटन को आपसी दायित्वों के अनुसार काम करने को कहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दायित्वों पर कार्य करने से नकारात्मक परिणामों को रोका जा सकेगा।
तालिबान ने पिछले महीने अमेरिका द्वारा समर्थित अशरफ गनी की सरकार को सत्ता से हटाकर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। इसके बाद तालिबान ने सितंबर में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा की थी। अमेरिकी सैनिकों ने पिछले साल तालिबान के साथ पहले से सहमत दोहा समझौते के तहत 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिया था।