उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग में अधिकांश मामले पुलिस और राजस्व के होते हैं
( सिद्धार्थनगर ) उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष राम बाबू हरीश एवं सांसद डुमरियागंज जगदम्बिका पाल, उपाध्यक्ष राम नरेश पासवान तथा सदस्या श्रीमती अनीता सिद्धार्थ, जिलाध्यक्ष भाजपा गोविन्द माधव, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उपेन्द्र सिंह, जिला महामंत्री कन्हैया पासवान, जिला मंत्री फतेबहादुंर सिंह की आयोग मेंउपस्थिति में लोक निर्माण विभाग, रेस्ट हाउस में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
अध्यक्ष, अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग राम बाबू हरीश ने मीडिया प्रेस प्रतिनिधयों को जानकारी देते हुये बताया कि आयोग के समक्ष अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के जो प्रकरण आते हैं वह मुख्यतः पुलिस एवं राजस्व से सम्बंधित होते हैं इसके अतिरिक्त आयोग के समक्ष विभागीय एवं उत्पीड़न के मामलों में दी जाने वाली आर्थिक सहायता से सम्बंधित मामले आते हैं। आयोग कुछ मामलों में जैसे समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया में आयी खबरों का स्वतः संज्ञान लेकर मामलों का नियमानुसार निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है। मैने आयोग में अध्यक्ष के पद पर दिनांक 18.06.2021 को कार्यभार ग्रहण किया, उस समय आयोग में सुनवाई हेतु 342 मामले लम्बित थे। जिनमें पुलिस विभाग के 280, राजस्व विभाग के 40 व अन्य विभाग के 22 मामले लम्बित थे। दो माह से भी कम कार्यकाल में कुल 801 प्रार्थना पत्र आयोग में प्राप्त हुये जिनमें से 440 मामलों से सम्बन्धित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण हेतु भेजे गये 361 मामलों में सम्बंधित विभागों से आख्याऐं मंगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया।
अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता को सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समय से नहीं प्रदान करायी जाती है। मैने आर्थिक सहायता से सम्बंधित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण कराया गया जिसके फलस्वरूप 06 प्रकरणों का निस्तारण करते हुये पीड़ित परिवार को रू0 975000.00 की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध करायी गयी। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुये।