मोदी ने कहा- विपक्ष का ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा, हंगामे के चलते मंत्रियों का परिचय नहीं करा पाए पीएम
मानसून सत्र के पहले दिन संसद में हंगामे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। विपक्ष के हंगामे के चलते प्रधानमंत्री अपने नए मंत्रियों का सदन में परिचय तक नहीं करा पाए। इससे खफा प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे पहले उन्होंने सदन में विपक्ष का ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा।
राजनाथ और पीयूष गोयल ने कहा- विपक्ष का रवैया संसदीय परंपरा के खिलाफ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री को मंत्रियों का परिचय कराने से रोकने को दुर्भाग्यूपर्ण करार दिया और विपक्ष के इस रवैये को संसदीय परंपरा के खिलाफ बताया। नेताओं, पत्रकारों के फोन टैपिंग, महंगाई समेत कई मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। दोपहर बाद तक जब विपक्ष का हंगामा कम नहीं हुआ तो दोनों सदनों की कार्यवाही बिनी किसी कामकाज के ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।.
विपक्ष का लोकसभा में महंगाई पर हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों का परिचय कराना शुरू ही किया कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल के अलावा अकाली दल के सदस्यों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रहे इजाफे और उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई पर सरकार को घेरते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य पोस्टर-बैनर लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंच गए। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्यों के अलावा कई दूसरे सदस्यों ने महंगाई और अर्थव्यवस्था के मुददे पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन नोटिस दिया है और पहले इस पर चर्चा करायी जाए।
विरोधी दलों के हंगामे के चलते मंत्रियों का संसद में परिचय नहीं करा पाए प्रधानमंत्री
विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के परिचय के दौरान उनके व्यवहार पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि पहली बार वे इस सदन में इस तरह का व्यवहार देख रहे हैं। आखिर यह किस तरह की मानसिकता है? विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमते नहीं देख पीएम ने स्पीकर ओम बिरला की सहमति से मंत्रियों का परिचय सदन के पटल पर रख दिया।
विपक्ष ने संसदीय परंपरा तोड़ी
रक्षा मंत्री राजनाथ ¨सह ने पीएम को मंत्रियों का परिचय देने से रोकने के लिए विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि संसदीय परंपरा को तोड़ा गया और उन्होंने बीते 24 साल के संसदीय जीवन में ऐसा नहीं देखा। उन्होंने कहा स्वस्थ संसदीय परंपरा कायम रखना सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है।
स्पीकर ने विपक्ष को फटकारा.
शोर-शराबा थमता नहीं देख स्पीकर ने भी विपक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि वे सदन की मर्यादा को गिरा रहे है। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया। दूसरी बार सदन की बैठक शुरू हुई तब भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा और सदन 3.30 बजे तक के लिए स्थगित हुआ। तीसरी बार सदन शुरू हुआ तो केवल संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का पेगासस जासूसी विवाद पर विपक्षी हंगामे के बीच बयान हुआ और सदन पूरे दिन के लिए ठप हो गया।
राज्यसभा में भी मंत्रियों का परिचय नहीं करा पाए पीएम
राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री के मंत्रियों का परिचय कराए जाने के दौरान विपक्ष ने हंगामा कर व्यवधान डाला और सभापति एम वेंकैया नायडू की सहमति से यहां भी पीएम ने मंत्रियों का परिचय सदन के पटल पर रख दिया। पीएम ने विपक्षी दलों के व्यवहार को लेकर उपरी सदन में भी उन्हें खरी खोटी सुनाई।
विपक्ष के 17 नोटिस खारिज
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई और अर्थव्यवस्था, कृषि कानूनों को निरस्त करने सरीखे मुद्दों को लेकर 17 नोटिस दिए थे मगर सभापति ने इन सभी को खारिज कर दिया और कहा कि इन सब पर आगे चर्चा होगी। लेकिन विपक्ष अपने आक्रामक रुख से पीछे नहीं हटा और तीन बार के प्रयासों के बावजूद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बने
देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बने हैं, ये बात कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही और वे इनका नाम तक सुनना और इन्हें उचित सम्मान नहीं देना चाहते। मेज थपथपाकर उनका गौरव बढ़ाया गया होता तो बेहतर होता– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।