सुपर स्पेशियलिटी की बारीकियां सीखेंगे MBBS के इंटर्न छात्र, पोस्टिंग अवधि का कैलेंडर तैयार
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एमबीबीएस छात्रों को हुनरमंद बनाने के लिए इंटर्नशिप की ट्रेनिंग में बदलाव किया है। अब उन्हें सुपर स्पेशियलिटी इलाज की बारीकिंया समझाई और बताई जाएंगी। इंटर्न छात्र-छात्राओं के एक साल की ट्रेनिंग का खाका तैयार किया गया है। उनकी किस विभाग में कितने दिन की पोस्टिंग होगी, उसका पूरा शेड्यूल एनएमसी ने ही बनाकर दिया है। अभी तक उनकी मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग, आर्थोपेडिक विभाग में ड्यूटी लगाई जाती थी। अब उनकी पोस्टिंग की पूरी अवधि का कैलेंडर तैयार किया गया है, जिससे इलाज की बारीकियों में पूरी तरह पारंगत हो सकें।
एनएमसी ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल बोर्ड यानी एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं के लिए कंपलसरी रोटेङ्क्षटग इंटर्नशिप रेगुलेशन-2021 में इंटर्नशिप को लेकर तमाम बदलाव किए हैं। इनको मेडिकल कालेजों, चिकित्सकीय संस्थानों और चिकित्सा विश्वविद्यालयों में सख्ती से लागू किए जाने का निर्देश दिया गया है। एनएमसी का मानना है कि एमबीबीएस छात्रों को बेहतर चिकित्सक के रूप में तैयार करना है, जिससे बेहतर क्लीनिकल स्किल के साथ समाज को डाक्टर मिल सकें।
इंटर्न की ऐसी होगी ट्रेनिंग
विभाग – पोस्टिंग की अवधि
कम्यूनिटी मेडिसिन – दो माह
जनरल मेडिसिन – डेढ़ माह
मनोरोग – दो सप्ताह
बाल रोग – एक माह
जनरल सर्जरी – डेढ़ माह
एनस्थेसिया-क्रिटिकल केयर – दो सप्ताह
स्त्री-प्रसूति रोग व परिवार नियोजन – डेढ़ माह
आर्थोपेडिक, फिजिकल मेडिसिन व रिहेबिलिटेशन – दो सप्ताह
इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर – दो सप्ताह
फारेंसिक मेडिसिन व टाक्सीकोलाजी – एक सप्ताह
त्वचा रोग, वेनेरेयोलाजी, लेप्रोलाजी – एक सप्ताह
ईएनटी – दो सप्ताह
नेत्र रोग – दो सप्ताह
पैथोलाजी एवं हास्पिटल सपोर्ट साइंस – एक माह
ब्राड स्पेशियलिटी ग्रुप (दो विभाग) – दो-दो सप्ताह
सुपर स्पेशियलिटी ग्रुप (दो विभाग) – दो-दो सप्ताह
- एनएमसी ने एमबीबीएस के बाद एक साल की इंटर्नशिप ट्रेनिंग को अपग्रेड करते हुए नया एक्ट बनाया है। इसे नए सत्र से लागू किया जाएगा। अभी तक इंटर्न छात्र प्रैक्टिकल ट्रेनिंग छोड़कर पीजी की तैयारी में जुटे रहते थे। नए एक्ट के बाद से उन्हें हर विभाग में अनिवार्य रूप से कार्य करना होगा। इससे उनके हुनर में निखार आएगा। बेहतर डाक्टर बनकर समाज की सेवा करेंगे। -डा. मनीष सिंह, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कालेज एवं विशेषज्ञ, एनएमसी।