25 November, 2024 (Monday)

कैबिनेट विस्तार की चर्चा फिर तेज, जानें- क्या है ‘मोदी मॉडल’ जिससे कई मंत्रियों पर लटकी तलवार

लखनऊ । योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार और कुछ फेरबदल की पहले से चल रही चर्चाओं ने अब और जोर पकड़ लिया है। यदि मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल में उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव का ख्याल रखा गया है तो यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में भी केंद्र से छूटे जाति-वर्ग या क्षेत्र का संतुलन और बेहतर बनाया जा सकता है। सात सीटें पहले से रिक्त हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में चला सत्तर वर्ष से अधिक उम्र और कमजोर प्रदर्शन का ‘मोदी मॉडल’ भी कुछ सीटों की गुंजाइश बना सकता है।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति वर्ग या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व सरकार बिना किसी नुकसान की आशंका के, चुनावी रणनीति के तहत दे सकती है।

इसके साथ ही दूसरी संभावनाओं की चर्चा भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए ऐसे मंत्रियों का भी इस्तीफा ले लिया, जो चर्चित और दिग्गज नेता हैं। इसी लाइन पर चलते हुए चाहे तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह व लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं।

अभी सामने खाली पड़ी मंत्रिमंडल की सात सीटों के गणित का अनुमान सहज है। इनमें राजभर, निषाद और ब्राह्मण के साथ किसी क्षत्रिय को मौका दिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा था। वहां तो उन्हें स्थान नहीं मिला, लेकिन अपने इस सहयोगी दल को संतुष्ट करने के लिए भाजपा प्रवीण के पिता संजय निषाद को विधान परिषद सदस्य बनाकर मंत्री बना सकती है। इसी तरह किसी प्रभावशाली राजभर नेता को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

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