नवरात्र के अंतिम दिन भी मा की आराधना व फलाहार का विधिवत आयोजन संपन्न
गोरखपुर, नवरात्र व्रत का अपना महत्व है और इससे मात्र जगत जननी मॉं दुर्गा की भक्ति ही हासिल नहीं होती वरन् आत्मशक्ति भी प्राप्त होती है। फलाहार कार्यक्रम से इस विषेश अवसर पर लोगों में वैचारिक एकता का संदेश जाता है जो समाज व देश दोनों के विकास को सही दिशा प्रदान करने में मददगार साबित होता है।
उक्त उद्गार मां की अराधना व फलाहार कार्यक्रम मे फिजिशियन डॉ (मेजर) अमित कुमार ने कहा। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर स्थानीय सिविल लायन्स पर आज मां की अराधना व फलाहार कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम प. उपेन्द्र मिश्रा ने विधि विधान से मा के पूजन से ही का शुभारंभ कीये, तत्पश्चात प्रसिद्ध भजन गायक श्री ओम प्रकाश जी मा के गीतों से सभी का मन भक्ति मय कर दिया।
श्री दुर्गा प्रसाद ने कहा कि फलाहार कार्यक्रम से आम जन के बीच धार्मिक पर्वों के प्रति आस्था में वृद्धि का संदेश जाता है।
अध्यक्षता डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव (शिक्षा शास्त्र विभाद्याझ सेडिका )ने कहा कि फलाहार कार्यक्रम के जरिए हमारी भावनात्मक एकता को बल मिलता है।
आगन्तुकों का स्वागत करते हुए मांगरीश वेलफेयर के मुखिया ई0 संजीत कुमार ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि इधर पिछले कई वर्शों से नवरात्र के अवसर पर फलाहार कार्यक्रम का आयोजन स्वर्गीय डॉक्टर स्वर्गीय बड़े भाई डॉक्टर अशोक कुमार श्रीवास्तव
(लोकप्रिय समाजसेवी व राजनेता) के द्वारा प्रारंभ यह मा आराधना व फलाहार उन्हीं की प्रेरणा से अनवरत जारी रहेगा। इससे परस्पर सद्भावना एवं एकता की भावना को बल मिलता है। हमें अपने पर्वों को परस्पर मिल-जुलकर मनाना चाहिए इससे सामाजिक विकास का धरातल तैयार होता है।
डॉ पुपुल जी व इं0 रंजीत कुमार ने कहा कि नवरात्र व्रत से हमें आत्मबल प्राप्त होता है। धन्यवाद एवं आभार ई अनुभव कुमार ने व्यक्त किया।
फलाहार कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से ई प्रदीप कुमार श्रीवास्तव,डा0 श्री प्रकास अरविंद यादव,मंजीत श्रीवास्तव,मनीष चंद,शिव प्रकाश पाण्डेय,प्रवीण सिंह,अभिषेक जलान,,डा0 प्रभात ,डा0 सन्तोष रे, सुनील जी, परू श्राम जी,सुशीलशाही,सुर्यभानत्रिपाठी, विवेक श्रीवास्तव, आर. के. सी. मिश्र एडवोकेट,प्रमोद षर्मा, संतोश शर्मा, कन्हैया वैष्य, मनोज अग्रवाल, सुधीर, देवव्रत सहित सुप्रसिद्ध चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यापारी, खिलाड़ी, पत्रकार, जनप्रतिनिधि, एवं विभिन्न समुदायोंववर्गो के प्रबुद्ध जनों ने अपनी उपस्थिति सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए दर्ज करायी।