क्या है Chrome Web ब्राउजर टेक्नोलॉजी? जिसे Google भारी विरोध के बाद साल 2023 तक हटाएगा
दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने अपनी क्रो वेब ब्राउजर टेक्नोलॉजी (Chrome Web browser) को हटाने के मामले में यू-टर्न लिया है। Google ने अपने एक बयान में कहा कि Google अब 2023 के अंत तक क्रोम वेब ब्राउजर टेक्नोलॉजी को हटाएगा। इससे पहले Google ने जनवरी 2022 तक इसे हटाने का ऐलान किया था। इस टेक्नोलॉजी से Google एड ट्रैकिंग करता है और जान लेता है कि यूजर को किस चीज की तलाश है। Google की इस टेक्नोलॉजी का भारी विरोध हो रहा है। खासकर प्रतिद्वंदी कंपनियां Google की इस टेक्नोलॉजी को बाजार नियमों का उल्लंघन करार दे रही हैं। ऐसे में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की आपत्ति पर दिग्गज कंपनी पैर वापस खींचने को तैयार हुई है।
Google की नई टेक्नोलॉजी में लगेगा समय
Google ने कहा है कि वह इस तकनीक के स्थान पर अन्य तकनीक को प्रतिस्थापित करने के लिए समय बढ़ा रहा है। क्योंकि नई तकनीक विकसित करने और उसके परीक्षण में समय लगेगा। Chrome की प्राइवेसी इंजीनियरिंग के डायरेक्टर विनय गोयल ने कहा है कि यह जिम्मेदारी पूर्ण कार्य है। इसके लिए पर्याप्त समय चाहिए। सही तकनीक विकसित करने के लिए जनचर्चा जरूरी होगी। इस चर्चा में प्रकाशकों और विज्ञापन उद्योग से जुड़े लोगों की भी राय ली जाएगी। इस समय थर्ड पार्टी कूकीज के शीर्षक से यूजर को कंटेंट से जोड़ा जाता है और उसके बाद उसकी पसंद का आकलन किया जाता है।
Google की एड ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी का हो रहा भारी विरोध
Google की इस एड टै्रकिंग टेक्नोलॉजी का ऑनलाइन एड इंडस्ट्री ने भारी विरोध किया और इसे प्रतियोगिता के मानदंडों के खिलाफ बताया। यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन में इस तकनीक के खिलाफ आवाज उठी है। ब्रिटेन में नियामक के इस पर संज्ञान लेने के बाद Google ने उसे आश्वासन दिया है कि वह चरणबद्ध तरीके से इस तकनीक को हटा लेगा। साथ ही आश्वस्त किया है कि वह प्रतिद्वंद्वी विज्ञापन कंपनियों को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कार्य नहीं करेगा।