वैश्विक संगठनों पर कब्जे के लिए चीन कर रहा नाजायज हरकतें, ब्रिटिश संसदीय समिति ने किया आगाह
चीन दुनिया के बहुआयामी संगठनों में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इसके लिए वहां की सरकार तेजी से अपने लोगों को आगे बढ़ा रही है और उन्हें प्रमुख पदों पर बैठा रही है। ब्रिटिश संसद की प्रभावशाली समिति ने चीन की इस हरकत से अपनी सरकार को आगाह किया है।
हाउस ऑफ कॉमंस की विदेशी मामलों की समिति (एफएसी) ने कहा है कि पुख्ता सुबूत हैं कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन ने नाजायज तरीके अपनाए। इन दर रूम : द यूकेज रोल इन मल्टीलेटरल डिप्लोमेसी शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और ज्यादा सक्रियता से भूमिका निभाने की जरूरत है।
क्योंकि कई देश बहुआयामी संगठनों पर गलत तरीके से कब्जा करने और उनके असर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करके ये देश ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास विभाग को कमजोर कर रहे हैं। इसलिए ब्रिटेन को लोकतांत्रिक देशों को मजबूत करने की अपनी मुहिम तेज करनी चाहिए।
एफएसी ने कहा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अपनी हैसियत बढ़ाने के लिए कई तरह के नाजायज आक्रामक तरीके अपना रहा है। इसके लिए वह देशों के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों बढ़ाकर संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में अपने लिए समर्थन जुटा रहा है। यह समर्थन एकत्रित कर चीन वैश्विक संगठनों में निर्णायक भूमिका पाने की कोशिश कर रहा है।
वैश्विक संगठनों में प्रभाव बढ़ाकर चीन वहां की नीतियों को अपने फायदे के लिए संशोधित कराने की कोशिश करता है। चीन ऐसा संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद और विश्व स्वास्थ्य संगठन में कर रहा है। चीन की इस साजिश से दुनिया के सभी बहुआयामी संगठन खतरे में आ गए हैं। चीन की आक्रामक कूटनीति के चलते उनकी निष्पक्षता खतरे में पड़ गई है और उनके चीन के हितैषी संगठन बनने का खतरा पैदा हो गया है।