बीते वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित बजट लक्ष्य से रहा अधिक, अग्रिम कर संग्रह में अच्छी-खासी वृद्धि
भारत का संघीय शुद्ध प्रत्यक्ष कर, जिसमें मुख्य रूप से कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर शामिल है, 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह संशोधित बजट लक्ष्य से अधिक है। एक सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख प्रमोद चंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक वर्चुअल ब्रीफिंग में रिपोर्टर्स से कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी की चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में इजाफा देखने को मिला है।’
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह में लगभग 5 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। रिलीज में बताया गया कि वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.05 लाख करोड़ के संशोधित अनुमान की तुलना में 104.46 फीसद रहा है।
अग्रिम कर संग्रह (Advance Tax collections) की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2020-21 में 4.95 लाख करोड़ रुपये का रहा है। इस तरह इसमें करीब 6.7 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।
बीते वित्त वर्ष में प्राप्त हुए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में से 4.57 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स है और सिक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) सहित व्यक्तिगत आय कर (PIT) 4.88 लाख करोड़ रुपये का रहा है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रत्यक्ष कर का सकल संग्रह (रिफंड के लिए समायोजन करने से पहले) 12.06 लाख करोड़ रुपये का रहा। इसमें 6.31 लाख रुपये का कॉरपोरेट टैक्स और 5.75 लाख करोड़ रुपये का एसटीटी सहित व्यक्तिगत आयकर शामिल है।
मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में 2.61 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 1.83 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया था। इस तरह रिफंड में करीब 42.1 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।