भठहीं महोत्सव में होली मिलन व कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
कुशीनगर। फाजिलनगर विकास खंड क्षेत्र के भठही बुजुर्ग में आयोजित भठही महोत्सव में दिन में होली मिलन व रात्रि में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही पायी। कार्यक्रम मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले क्षेत्र के लोगों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोक संस्कृति और लोक परंपराएं अब लुप्त होती जा रही हैं। इसे संजोने और इससे नयी पीढ़ी को परिचित कराने के लिये ऐसे आयोजन बहुत जरूरी हैं। जिससे आज की युवा पीढ़ी लोक परंपराओं से परिचित होकर अपने संस्कार को संजोनें का काम करें। कार्यक्रम को फाजिलनगर के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि पशुपतिनाथ जायसवाल, विजय शंकर तिवारी, राजेन्द्र यादव, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजन शुक्ला,समाजसेवी अनिल जायसवाल आदि ने संबोधित किया। रात्रि में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती के बन्दना से हुआ। इसके बाद कवि संतोष संगम नें अपनी रचना जिंदगी खाक उसकी मिट जाती दिल जो मां बाप का दुखाते सुनाकर सबका दिल जीत लिया। बेतिया से आये कवि डॉ. ज्ञानेश्वर गुंजन की व्यंग रचना खा गइल बचल खुचल पानी बलम परधानी लड़ाके, एक भइल साझीया बिहानी बलम परधानी लड़ाके पर लोगों ने खूब ठहाके लागये। सुविख्यात शायर संजय मिश्र संजय की रचना *एक सैयाद ने चिड़ियों की रिहाई की है, हां मगर उसनें उड़ने से मनाही की है* पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। दुर्गेश मिश्र दुर्लभ ने अपनी रचना मोहब्बत में मिलन का दौर भी अद्भुत होता है, कौन किसपे मरे इसका यही साबुत होता है सुनाकर खूब हंसाया। इसके अलावे डा.नंद जी नंदा संगीत सुभाष, दीपक सिंह पटेल आदि लोगों ने अपनी रचनाएं सुनायी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता ख्यातिप्राप्त कवि,दर्जनों खंडकाव्यों के रचयिता सोमनाथ ओझा सोमेश नें किया। कवि गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर क्षेत्र के ब्रह्मर्षि पंडित भोला प्रसाद त्रिपाठी नें दीप प्रज्वलन कर किया।स्वागत चंद्र भूषण शुक्ल व आभार साहित्यकार सत्यप्रकाश शुक्ल बाबा नें प्रकट किया।इसके बाद आयोजक लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पं. अजय कुमार शुक्ल ने सभी कवियों व संभ्रातजनों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान पूर्व प्रधान प्रमोद शुक्ल, सुरेश शुक्ल,अशोक पांडेय,वैद्य रमाशंकर पांडेय, समाजसेवी अवधेश गौड़,बबलू शुक्ल,विपिन शुक्ल,हेमंत शुक्ल,बंटी शुक्ल, रजनीश शुक्ला, रामध्यान, परसवान खरवार, दीनानाथ शुक्ला, धुरंधर, गणेश गौंड आदि मौजूद थे।