सीडीएस जनरल बिपिन रावत बोले- यदि भारतीय उद्योग सैनिकों के लिए कपड़े बनाए तो आयात पर लगा देंगे बैन
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि यदि भारतीय कपड़ा उद्योग सैनिकों के लिए उच्च गुणवत्ता के कपड़ों का निर्माण करे तो सशस्त्र सेनाएं देशभर में प्रतिकूल मौसम में जवानों को तैनाती के लिए जरूरी वस्तों के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देंगी। अब तक सशस्त्र बलों के लिए बड़े पैमाने पर वस्त्रों का आयात किया जाता रहा है। हालाकि उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में भारतीय उद्योग ने बहुत तरक्की की है और नए नए इनोवेशन किए हैं।
जनरल रावत ने कहा कि हम टेक्सटाइल्स के बड़े उपयोगकर्ता हैं। जहां तक रक्षा सेवाओं का सवाल है तो हमारे पास टेक्नो टेक्सटाइल्स की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है। हम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं और आने वाले वर्षों में भी इनका इस्तेमाल जारी रहेगा। मौजूदा वक्त में हमारे जवान उत्तरी सीमाओं पर बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात हैं जहां तापमान सर्दियों में शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।
जनरल रावत ने यह भी कहा कि हमारे जवान रेगिस्तान में भी तैनात हैं जहां गर्मियों में तापमान 58 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि मैं कह रहा हूं कि जवानों के लिए वस्त्र दोनों मापदंडों (गर्मियों और सर्दियों) को पूरा करने वाले होने चाहिए।
जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के एक कार्यक्रम में कहा कि हम उस तरह के वस्त्रों पर विचार कर रहे हैं जो हमारे सैनिकों को अत्यधिक ठंड और बेहद गर्म, शुष्क, उमस भरे मौसम में जवानों को काम करने के अनुकूल बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। खासकर लद्दाख की उत्तरी सीमाओं के नजदीक और रेगिस्तानी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए।
बता दें कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में आयातों की नकारात्मक सूची की घोषणा की थी जिसमें हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों, परिवहन विमानों, पारंपरिक पनडुब्बियों और क्रूज मिसाइलों जैसे 101 रक्षा उत्पादों की विदेशी कंपनियों से खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।