ट्रंप प्रशासन के सभी अटार्नी को देना होगा इस्तीफा, जस्टिस डिपार्टमेंट मांग रहा इस्तीफा
अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण के साथ ही राजनीतिक उथल पुथल जारी है। 20 जनवरी को जो बाइडन ने नए राष्ट्रपति के तौर पर औपचारिक तरीके से पद की शपथ ली। इस क्रम में यहां का जस्टिस डिपार्टमेंट ट्रंप प्रशासन के दौरान नियुक्त किए गए अटार्नी से इस्तीफे की मांग करेगा। यह जानकारी जस्टिस डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। हालांकि बाइडन के बेटे हंटर बाइडन वाले टैक्स मामले की जांच करने वाले अटार्नी अपने पद पर बने रहेंगे।
कार्यकारी अटार्नी जनरल मोंटी विलकिंसन (Monty Wilkinson) ने डेलावेयर (Delaware) में प्रॉसिक्यूटर कार्यालय के अटार्नी डेविड वीस (David Weiss) से बात की और उनसे अपना काम जारी रखने को कहा। बता दें कि डेविड वीस अनुभवी अभियोजक हैं। हालांकि उनकी नियुक्ति मौजूदा राष्ट्रपति ने की थी, लेकिन उन्होंने डेमोक्रेट बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान डिप्टी के तौर पर भी काम किया है और अंतरिम अमेरिकी अटॉर्नी भी रहे हैं।
जस्टिस डिपार्टमेंट हंटर बाइडन के वित्तीय मामलों की छानबीन कर रहा है। इसमें चीनी बिजनेस डील व अन्य ट्रांजैक्शन के मामले में भी हैं। यह जांच 2018 में शुरू हुई थी और 2019 में बाइडन ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की। जब भी यहां नए राष्ट्रपति का आगमान हुआ है यह परंपरा रही है कि अमेरिकी अटार्नी अपना पद छोड़ देते हैं लेकिन यह ऑटोमैटिक नहीं होता है। 2017 में तत्कालीन अटार्नी जनरल जेफ सेंशंस (Jeff Sessions) ने 46 अमेरिकी अटार्नी से इस्तीफा देने को कहा था जो ओबामा प्रशासन के थे।
उल्लेखनीय है कि बाइडन ने जीत के बाद मेरिक गारलैंड को अटार्नी जनरल के तौर पर नियुक्त करने का फैसला कर लिया। साथ ही भारतीय मूल की वनिता गुप्ता को एसोसिएट अटार्नी जनरल केे पद के लिए नामित किया था । नए राष्ट्रपति बाइडन ने इनके नामों का ऐलान कर कहा था कि संघीय अपीली अदालत के न्यायाधीश गारर्लेंड और तीन अन्य वकीलों को न्याय विभाग के वरिष्ठ पदों के लिए चुना गया है जो एजेंसी की आजादी को बहाल करेंगे और कानून के शासन के प्रति भरोसा बढ़ाएंगे।