Chauri Chaura Shatabdi Mahotsav: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, किसानों की जमीन पर कुदृष्टि नहीं डाल पाएगा कोई
‘Chauri Chaura Shatabdi Mahotsav’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भरोसा दिलाया कि गांवों में गरीबों-किसानों के घर और जमीन पर अब कोई कुदृष्टि नहीं डाल पाएगा। देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान रहा है। किसान आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें इसके लिए पिछले छह सालों में लगातार प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने दशकों तक लगभग विस्मृत रहे चौरी चौरा जनप्रतिरोध के शताब्दी महोत्सव का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शुभारंभ करते हुए उन 19 बलिदानियों को नमन किया, जिन्हें चार फरवरी, 1922 को 23 पुलिस कर्मियों को थाने में जला कर मार दिए जाने के आरोप में फांसी की सजा दी गई थी। इस जनप्रतिरोध के कारण महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन स्थगित करना पड़ा था। महोत्सव पूरे उत्तर प्रदेश में सालभर चलेगा। प्रधानमंत्री ने ‘स्वरक्तै: स्वराष्ट्रम रक्षेत’ के संदेश के साथ पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया।
संग्राम में किसानों की बड़ी भूमिका
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि चौरी चौरा संग्राम में किसानों की बड़ी भूमिका थी। किसानों के लिए सरकार के छह साल के प्रयासों का परिणाम कोरोना काल में देखने को भी मिला। कृषि क्षेत्र सबसे मजबूत होकर उभरा। रिकार्ड उत्पादन कर दिखाया। हम कृषि क्षेत्र को और मजबूत करेंगे। उसे लाभदायक व्यापार बनाएंगे। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत गांव की जमीनों व घरों के कागज वहां के लोगों को दिए जा रहे हैं। जब अपनी जमीन-घर के सही कागज होंगे तो उनका मूल्य बढ़ेगा और बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा। इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों और गरीब परिवारों को होगा।
गिनाए बजट के फायदे
बजट में ग्रामीण क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 हजार करोड़ रुपये देने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इसका सीधा लाभ किसानों को होगा। चौड़ी सड़कें मिलेंगी। फसल बेचने के लिए फायदे की मंडियां मिलेंगी। इसके लिए एक हजार और मंडियों को ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल) से जोड़ा जा रहा है।
टीकाकरण अभियान अध्ययन का विषय : प्रधानमंत्री ने कहा, जिन सामूहिक प्रयासों ने गुलामी की बेडिय़ां तोड़ीं, वही भारत को दुनिया में ताकतवर बनाते हैं। यह आत्मनिर्भरता का मूल आधार है। इसी ताकत पर कोरोना काल की विपरीत परिस्थिति में वैश्विक परिवार की भलाई के लिए कदम उठाए। 50 लाख से अधिक को उनके घर पहुंचाया। हजारों विदेशी नागरिकों को उनके देश में सुरक्षित जाने की व्यवस्था की। 150 देशों को वैक्सीन पहुंचाई। इससे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को गर्व होगा। आज हमारा टीकाकरण अभियान दुनिया भर के लिए अध्ययन का विषय है।
याद किया शहीदों को
ऐसी कम घटनाएं होंगी, जहां 19 लोगों को फांसी दे दी गई। बाबा राघवदास और महामना मालवीय जी के प्रयासों ने 153 लोगों को फांसी से बचा लिया।
चौरी चौरा में जो हुआ वह सिर्फ आग लगा देने की एक घटना नहीं थी। यह देखना भी जरूरी है। वह आग थाने में ही नहीं लगी थी, लोगों के दिलों में भी लगी थी।
चौरी चौरा के शहीदों को भले इतिहास में प्रमुखता से जगह नहीं दी गई हो, लेकिन इस माटी में मिला उनका खून हमें प्रेरणा देता है।
विपक्ष पर साधा निशाना
बजट से पहले लोग कह रहे थे कि कोरोना संकट की वजह से सरकार को जनता पर बोझ डालना ही पड़ेगा। कर बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
पहले हमारे यहां बजट में यह होता था कि किसके नाम पर कितनी घोषणाएं की गईं। बजट को वोट-बैंक का बही-खाता बना दिया गया था।
पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था, जो पूरी ही नहीं कर पाते थे। अब देश ने वह सोच बदल दी है।
‘गोरक्षनाथ क धरती के प्रणाम करत बाटीं’
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन भोजपुरी में शुरू किया। बोले-‘भगवान शिव अवतारी गोरक्षनाथ क धरती के प्रणाम करत बाटीं। देवरहा बाबा के आशीर्वाद से ई जिला खूब आगे बढ़त बा। आप सबै के नमन करत बाटीं।’ इस पर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।