एलन मस्क की नजर मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो पर, ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा
अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री हो गई है। कंपनी ने कर्नाटक में अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। भारत में कंपनी की नजर सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर पर ही नहीं है बल्कि आने वाले दिनों में स्पेस एक्स टेलीकाॅम सेक्टर में भी इनवेस्ट करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो भारत के टेलीकाॅम सेक्टर पर राज कर रही जियो के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। लेकिन इससे कस्टमर को फायदा होगा। टेलीकाॅम सेक्टर में ज्यादा इनवेस्टमेंट होने से कस्टमर को सस्ता और तेज इंटरनेट मिलने की संभावना रहेगी।
1000 से अधिक सेटेलाइट किए गए लांच
मस्क की स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजी कार्पोरेशन ने स्टारलिंक इंटरनेट सेवा के लिए 1000 से अधिक सेटेलाइट लांच किए हैं। साथ ही कंपनी ने अमेरिका और इंग्लैंड में ग्राहकों के साथ कांट्रैक्ट करने भी शुरू कर दिया है। स्पेस एक्स के इन्वेस्टर्स के अनुसार स्टारलिंक इन-फ्लाइट इंटरनेट, समुद्री सेवाओं, चीन और भारत जैसे बड़े इंटरनेट उपभोक्ताओं को टारगेट करने की कोशिश कर रहा है।
किफायती और तेज इंटरनेट के लोग कर रहे हैं पसंद
अमेरिका के मिशिगन राज्य में एक दूर दराज इलाके में रहने वाले रेंडेल के फॉर्म हाउस पर कंपनी ने अपने नेटवर्क को टेस्ट किया। रेंडेल ने कहा पहले जहां उन्हें 15 से 20 एमबी की स्पीड मिलती थी तो वहीं अब 100 एमबी की स्पीड मिल रही है। साथ ही पहले के मुकाबले यह काफी किफायती भी है। 4 जी आने के बाद भी भारत के गांवों में इंटरनेट स्पीड में बहुत सुधार नहीं हुआ है। नेटवर्क की समस्या अब भी बरकार है। ऐसे में अगर स्पेस एक्स टेलीकाॅम सेक्टर में जल्द उतरता है तो भारत उसके लिए एक बड़ा मार्केट बन सकता है।
रिलायंस जियो से होगी सीधी टक्कर
भारत के टेलीकाॅम सेक्टर पर रिलायंस जियो इस समय राज कर रहा है। ऐसे में अगर एलन मस्क की कंपनी टेलीकाॅम सेक्टर में जल्द इनवेस्ट करती है तो यहां उसकी सीधी टक्कर रिलायंस जियो से होगी। रिलायंस जियो के आने से जहां भारत में इंटरनेट यूजर्स बढ़े हैं, वहीं पहले के मुकाबले स्पीड भी तेज हुई है। भारत में इस समय 65 करोड़ एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं। जो औसतन रोजान 12 जीबी डेटा यूज कर रहे हैं। हालांकि एलन मस्क की कंपनी के सामने 5जी और 6जी सर्विस देना भी एक बड़ी चुनाती होगी। इसके अलावा फेसबुक इंक जैसी कंपनियां भी इंटरनेट सेवाएं गांव तक पहुंचाने पर काम कर रही हैं।