अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों की हिंसा की पीएम मोदी ने की निंदा, दुनिया के कई नेता भी बोले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका संसद में हुए हिंसक प्रदर्शन की कड़ी निंदा की है। पीएम मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के वाशिंगटन में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से होना जरूरी है। पीएम मोदी ने वाशिंगटन डीसी में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाराज समर्थकों द्वारा दंगा और हिंसा पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहना चाहिए।
गौरतलब है कि वाशिंगटन में हजारों की संख्या में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) समर्थकों ने कैपिटल हिल पर कब्जा करने की कोशिश की। इसके साथ ही सीनेट में भी बवाल काटा।
इस पर अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा- ‘वाशिंगटन डीसी में हिंसा और उपद्रव की खबरों से उन्हें दुख पहुंचा है। सत्ता का ट्रांसफर सही और शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है। इस तरह के प्रदर्शनों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है।’
गौरतलब है कि अमेरिका के वाशिंगटन में हुई इस हिंसा में एक महिला की मौत हो गई है, जबकि पुलिस के साथ झड़प में कई प्रदर्शनकारी घायल भी हो गए हैं। अमेरिका में हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने सीनेट का घेराव करने की कोशिश की, नारेबाजी करते हुए सीनेट में घुसकर कई क्षेत्रों में कब्जा भी किया।
दुनिया के कई नेताओं ने की निंदा
पीएम मोदी के अलावा कई और नेताओं ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट कर कहा है कि अमेरिका से जैसी खबरें आ रही हैं, वो चिंता बढ़ाने वाली हैं सभी को शांति से काम लेना चाहिए। उनके अलावा कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन, न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा ने भी ट्विटर के जरिए अमेरिकी हिंसा की निंदा की है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन(Boris Johnson) ने भी इस हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में लोकतंत्र की एक मिसाल रहा है। इसलिए यह ज़रूरी है कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से हो।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सेंचेज़ ने ट्वीट कर लिखा- मुझे अमेरिका के लोकतंत्र की ताक़त पर विश्वास है। नए राष्ट्रपति जो बाइडन देश को इस तनावपूर्ण माहौल से बाहर लेकर जाएंगे और अमेरिकी नागरिकों को एकजुट करेंगे।
वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ले द्रियान ने भी इस हिंसा को ग़लत बताते हुए कहा कि ये हमला अमेरिकी लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी कैपिटल हिल हिंसा को ग़लत ठहराया है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन के जो नज़ारे देखने को मिल रहे हैं, वो परेशान करने वाले हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि पड़ोसी मुल्क़ में हुई हिंसा से कनाडा के लोगों को भी धक्का लगा है। यह लोकतंत्र पर हमला है। हिंसा के ज़रिए लोगों के मत को नहीं बदला जा सकता।
तुर्की, चिली, अर्जेंटीना और वेनेज़ुएला ने भी अमेरिका में हुई हिंसा की आलोचना की है।