24 November, 2024 (Sunday)

यूपी में फर्जी दस्तावेजों से बने शिक्षकों की बढ़ी शिकायतें, अब STF खुद पोर्टल के जरिये बिछाएगी जाल

उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के जरिये शिक्षक की नौकरी कर रहे जालसाजों पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की कार्रवाई का घेरा बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग जिलों से फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध शिकायतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे प्रकरणों की जांच में तेजी लाने के लिए एसटीएफ ने शासन से मानव संपदा पोर्टल का डेटा उससे साझा किए जाने की सिफारिश की है।

अभी मानव संपदा पोर्टल के जरिये किसी शिक्षक के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसटीएफ को संबंधित जिले के बीएसए से संपर्क करना पड़ता है। वहीं, एसटीएफ को शिक्षा विभाग से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले चुके शिक्षकों का ब्योरा मिलने का भी इंतजार है। एसटीएफ को संदेह है कि प्रकरण में जांच के कदम बढऩे के बाद कई फर्जी शिक्षक कार्रवाई के भय से वीआरएस ले चुके हैं।

315 से अधिक आरोपित हो चुके गिरफ्तार : एसटीएफ राज्य में दूसरे के शैक्षणिक दस्तावेजों व जाली प्रपत्रों के जरिये शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 315 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 145 से अधिक मुकदमे दर्ज कराकर आरोपितों पर कानूनी शिकंजा कसा गया है। इसी कड़ी में बीते दिनों कई ‘अनामिकाओं’ को भी पकड़ा गया था, जिसके बाद एसटीएफ मुख्यालय को ऐसे फर्जी शिक्षकों के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जो दूसरों के शैक्षणिक दस्तावेजों के जरिये अपना नाम-पता बदलकर नौकरी कर रहे हैं।

साक्ष्य जुटाने के बाद कसेगा शिकंजा : एसटीएफ ने सबसे पहले जून 2018 में मथुरा में फर्जी दस्तावेजों के जरिये फर्जी शिक्षक भर्ती कर करोड़ों रुपये की धांधली पकड़ी थी, जिसके बाद अन्य जिलों में भी फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ था। एसटीएफ के एएसपी सत्यसेन यादव का कहना है कि कई अन्य फर्जी शिक्षकों के बारे में छानबीन कराई जा रही है। पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद जल्द उन पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे 37 वर्ष तक की नौकरी : लखीमपुर में फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में 37 वर्ष तक शिक्षक की नौकरी करने वाले जालसाज को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। जालसाज छह माह से पुलिस को चकमा देकर छिपता चला आ रहा था। मुकदमा थाना फरधान में भी छह माह पूर्व पतिराम सिंह निवासी ग्राम परसेहरी कलां थाना फूलबेहड़ के खिलाफ दर्ज हुआ था। पतिराम सिंह फर्जी दस्तावेजों के सहारे पिछले 37 वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी कर रहा था। छह माह पूर्व मुकदमा दर्ज होने के समय वह थाना फरधान क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खखरा मिर्जापुर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था। उसकी सेवानिवृत्ति के दिन उसके खिलाफ थाना फरधान में मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से वह फरार था। मंगलवार को थाना फरधान पुलिस व एसटीएफ की टीम ने उसे एलआरपी चौराहे से गिरफ्तार कर लिया।
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