इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें, बिलावल भुट्टो ने दी 31 जनवरी तक पद छोड़ने की चेतावनी
विरोधी दलों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अपने अभियान को और तेज कर दिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 31 जनवरी तक इमरान पद नहीं छोड़ते हैं तो पीडीएम इस्लामाबाद की तरफ कूच करेगा। उधर, मरियम नवाज ने कश्मीर और सियाचिन में मिली हार को लेकर पाकिस्तानी सेना की बखिया उधेड़ी। उन्होंने कहा कि इमरान खान की पार्टी को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के इशारे पर इस दल को चुनी हुई सरकार के खिलाफ धरने और षड्यंत्र में इस्तेमाल किया गया। लेकिन याद रखें विचारधारा को फांसी या निर्वासित नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तान के बड़बोले मंत्री शेख रशीद ने विपक्ष खासकर नवाज शरीफ को पूर्व तानाशाह जनरल जियाउल हक के जूतों को पॉलिश करने वाला बताया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना पहले न तो कभी देश की राजनीति में शामिल रही है और न भविष्य में कभी होगी।
मां की पुण्यतिथि पर पीएम पर जमकर बरसे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के मुखिया
बता दें कि पीडीएम 11 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए बिलावल ने इमरान सरकार आवश्यक वस्तुओं में बेतहाशा वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक बिलावल ने कहा, ‘कठपुतली प्रधानमंत्री को लोगों से जुड़े मुद्दों की कोई चिंता नहीं है। इसके पीछे की वजह यह है कि वह वोटों के जरिये सत्ता में नहीं आए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘बेनजीर आज सभी के दिलों में जिंदा हैं। जो भी लोग उनसे भिड़े, वह खत्म हो गए। जनरल जिया उल हक की कब्र पर कोई जाता नहीं है और परवेज मुशर्रफ विदेश में अपमान का जीवन जीने को विवश हैं।’ बिलावल ने कहा कि एक आदमी को कैद किया जा सकता है, लेकिन एक विचार को नहीं। बता दें कि चुनावी धांधली, भ्रष्टाचार और पाकिस्तानी सेना के वर्चस्व के आरोपों के बीच पीडीएम इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
एक जनवरी को पीडीएम नेताओं की बैठक
पीडीएम के प्रमुख मौलाना फजर्लु रहमान ने सोमवार को कहा कि गठबंधन के नेताओं की अगली बैठक एक जनवरी को लाहौर में होगी। जियो न्यूज ने विपक्षी पार्टियों का जमावड़ा पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरयम नवाज के घर लगने के संकेत दिए हैं। इस दौरान इमरान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।