किसानों के मसीहा थे चौधरी चरण सिंह- प्रोफेसर चितरंजन मिश्र
(सिद्धार्थनगर)। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जीवन भर किसानों की भलाई एवं उनके तरक्की की बात देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लडते थे। जिसके कारण वह कांग्रेस के आंख की किरकिरी बन गये थे। सरकार से किसानों की बात मनवाने के लिए उन्होंने किसानों का सबसे बड़ा सम्मेलन करा दिया था। तभी से किसान उन्हें अपना मसीहा मानने लगे।
यह बातें समाजवादी चिंतक एवं महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय विश्व विद्यालय वर्धा के पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने कहीं। वह बुधवार को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 118वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किसान दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि चौधरी जी स्वाधीनता आंदोलन के ऐसे राजनेता थे।
जो किसानों की समस्याओं को लेकर राजनीति की बहस में रखा था। वे हमेशा किसानों व देश के बारे में सोंचते थे। भारतीय अर्थ शास्त्र के बड़े ज्ञाता थे। वे कहते थे गांवों के हरियाली व खुशहाली से देश का विकास होगा। उन्होंने खादों पर लगने वाले टैक्स को समाप्त किया था। उनके सपने को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने साकार किया था। कर्जमाफी एवं सिंचाई को मुफ्त करके किसानों के भलाई काम किया था। भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए पूंजीपतियों के इसारे पर नई किसान बिल पास कराई है। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जब प्रदेश के राजस्व मंत्री थे।
उन्होंने जमींदारी उन्मूलन कानून को खत्म करके छोटे जोत के किसानों को खेतिहर बना दिया था। कृषि मंत्री बने थे तब उन्होंने मंडी का निर्माण कराकर किसानों को आत्म निर्भर बनाने का काम किया था। गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व विधायक व सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव व संचालन पूर्व महासचिव अफसर रिजवी ने किया। गोष्ठी को पूर्व राज्य सभा सदस्य आलोक तिवारी, पूर्व विधायक विजय पासवान, पूर्व प्रत्याशी उग्रसेन सिंह व राम कुमार चिंकू यादव, अजय चौधरी, गरीब दास गौतम, राम चंद्र यादव, कामता यादव, मणेंद्र मिश्र मशाल, बेच ई यादव, अनूप त्रिपाठी व जोखन चौधरी ने संबोधित किया।