5000 सरकारी स्कूलों को फाइव स्टार की श्रेणी दिलाएगी सरकार
झारखंड के 5000 सरकारी स्कूलों को स्वच्छता के मामले में अगले साल फाइव स्टार का दर्जा दिलाने की राज्य सरकार तैयारी कर रही है। वहीं, 7000 स्कूलों को फोर स्टार का दर्जा दिलाया जाएगा। इसके लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग स्कूलों को संसाधन उपलब्ध कराएगी, जिससे वे इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। इस साल फाइव स्टार स्कूल के लिए 918 और फोर स्टार के लिए 5663 स्कूलों ने आवेदन किया था। सरकार इस लक्ष्य को बढ़ाने और तय मानकों पर स्कूल और छात्र-छात्राओं के खरे उतरने को लेकर कार्य योजना तैयार कर रही है। 2021 में मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार कार्यक्रम की शुरुआत नए शैक्षणिक सत्र से होगी। स्कूल अगले 4 महीने में संसाधनों को बेहतर करेंगे। जरूरत पड़ी तो विभाग की ओर से आवश्यक मदद भी की जाएगी। उसी के आधार पर स्कूल वन स्टार से फाइव स्टार तक की कैटेगरी में आवेदन कर सकेंगे। इस साल राज्य स्तर पर 119 स्कूलों का चयन किया गया और उन्हें सम्मानित भी किया गया। अगले वर्ष सरकार आंकड़े को और ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य तय कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्कूल लाभान्वित हो सकें।
स्कूलों में उपलब्ध कराए गए हैं संसाधन-
राज्य के अधिकांश स्कूलों में हैंडवाश यूनिट की व्यवस्था की गई है। सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इनसिनेटर लगाया गया है। स्वच्छता कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए हर स्कूल में एक नोडल शिक्षक का चयन और उनका प्रशिक्षण कराया गया है। स्कूलों में जल सेना का गठन, स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन, साबुन बैंक, पैड बैंक की व्यवस्था की गई है। वहीं पानी की गुणवत्ता परीक्षण के लिए एई और जेई को प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें जांच किट दी गई है।
विभिन्न स्टार की श्रेणी :-
फाइव स्टार – 90 से 100 प्रतिशत अंक
फोर स्टार – 75 से 89 प्रतिशत अंक
थ्री स्टार – 51 से 74 प्रतिशत अंक
टू स्टार – 35 से 50 प्रतिशत अंक
वन स्टार – 35 प्रतिशत से नीचे अंक