जेल से बाहर आया फलहारी बाबा, हाई कोर्ट से मिली 20 दिन की पैरोल
अलवर. रेप केस में जेल की सजा काट रहे अलवर के फलाहारी बाबा को हाई कोर्ट से 20 दिन की पैरोल मिल गई है. बाबा के आश्रम के महाराज सुदर्शनाचार्य ने कहा फलाहारी महाराज स्वस्थ हैं. वो किसी से मिलना व बात करना नहीं चाहते हैं. जब से वो जेल गए हैं तब से अभी तक वो मौन हैं. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की और सीधे एकांतवास में चले गए. उन्होंने कहा कि वह अकेले शांत रहना चाहते हैं. जेल में उनको बेहतर माहौल मिला.
फलाहारी बाबा के खिलाफ 11 सितंबर 2017 को छत्तीसगढ़ की बिलासपुर की रहने वाली 21 वर्षीय पीड़िता ने रेप का आरोप लगाया था. इस पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल करवाकर और 164 के बयान दर्ज कर उसकी रिपोर्ट तैयार करके अलवर पुलिस को भेज दी थी.
मामले की सुनवाई 8 महीने तक चली थी
उसके बाद अलवर के अरावली विहार थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया था. इस केस में 9 मार्च 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर 84 दिन बाद 15 दिसंबर 2017 को बाबा के खिलाफ कोर्ट में 40 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी. उसके बाद 8 महीने तक इस मामले की सुनवाई चली.
कोर्ट ने बाबा को उम्र कैद की सजा सुना रखी है
सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर 26 सितम्बर 2018 को एडीजे कोर्ट ने फलहारी बाबा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. तब से फलहारी बाबा अलवर के सेंट्रल जेल में बंद हैं. फलाहारी महाराज के शिष्य महाराज सुदर्शन आचार्य ने बताया कि वह 40 साल से फल पर जीवित हैं. अब भी वह फल और दूध लेते हैं. जेल में गंगाजल पीते थे. उन्हें न्यायालय पर उनका भरोसा है. उल्लेखनीय है कि फलाहारी बाबा से जुड़ा ये रेप केस खासा चर्चा में रहा था.