23 November, 2024 (Saturday)

केरल, दिल्ली, बंगाल, मणिपुर में एक माह में कोरोना के मामले बढ़े, महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में सबसे ज्‍यादा मौतें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि तीन अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच केरल, दिल्ली, बंगाल और मणिपुर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसी अवधि में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश ऐसे शीर्ष राज्यों में रहे जहां कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि 24 घंटों में सबसे ज्‍यादा 104 मौतें अकेले महाराष्ट्र में दर्ज की गईं। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 58, बंगाल में 57, दिल्ली में 42, तमिलनाडु में 31 और कर्नाटक में 29 मौतें हुईं।

मौत की संख्या में गिरावट जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले सात हफ्ते से रोजाना कोरोना के औसतन मामलों और मौत की संख्या में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच रोजाना औसतन 90,346 मामले आए जबकि 28 अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच औसतन 45,884 मामले आए। उन्होंने बताया, 16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच औसतन हर दिन 1165 लोगों की मौत हुई जबकि 28 अक्टूबर और तीन नवंबर के बीच 513 मौतें हुईं।

11 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच

स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कोरोना के 11 करोड़ से ज्यादा नमूने की जांच हो चुकी है। संक्रमण दर में भी गिरावट आना जारी है। नीति आयोग के सदस्य कोरोना पर राष्ट्रीय कार्यबल के प्रमुख वीके पॉल ने कहा कि देश की आबादी के बड़े हिस्से के संक्रमित होने का खतरा अभी भी बना हुआ है। ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी के साथ दिशा निर्देशों का पालन करते रहना चाहिए। किसी तरह का भी लक्षण नजर आने पर जांच करानी चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी में वेंटीलेटर की कमी से जुड़े एक सवाल पर भूषण ने कहा कि केंद्रीय अस्पतालों में बेड की रोजाना समीक्षा की जाती है।

मंद पड़ने लगी है कोरोना की रफ्तार

देश में कोरोना की रफ्तार मंद पड़ने लगी है। 24 घंटे के दौरान संक्रमण के नए मामले 40 हजार से भी कम आए हैं। वहीं मौतों का आंकड़ा भी 500 से कम रहा। नए मामले मिलाकर संक्रमण के कुल मामलों की संख्या जहां 82.67 लाख हो गई है वहीं अब तक 76 लाख से अधिक लोग इस बीमारी को हराकर स्वस्थ भी हो चुके हैं।

अब तक 1,23,097 की मौत

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार, सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के नए मामले 38,310 दर्ज किए गए। वहीं 490 और मौतों के साथ देश में इस बीमारी से अब तक दम तोड़ने वालों की तादाद बढ़कर 1,23,097 हो गई। कोरोना की चपेट में आए 76,03,121 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। लोगों के स्वस्थ होने की दर 91.96 फीसद और मृत्यु दर 1.49 हो गई है।

सक्रिय मरीजों की संख्या कम

सक्रिय मरीजों की संख्या लगातार पांचवे दिन छह लाख से कम रही। आंकड़ों के अनुसार इस समय 5,41,405 लोग उपचाराधीन हैं। कुल मामलों का ये 6.55 फीसद हैं। देश में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार हुई थी। वहीं, कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख के पार, 28 सितंबर को 60 लाख और 11 अक्टूबर को 70 लाख के पार और 29 अक्टूबर को 80 लाख के पार चले हुए थे।

देश में सर्वाधिक मौतें महाराष्ट्र में

अब तक हुई कुल 1,23,097 मौतों में महाराष्ट्र में 44,128, कर्नाटक में 11,221, तमिलनाडु में 11,183, उप्र में 7,076, बंगाल में 6,957, आंध्र प्रदेश में 6,719, दिल्ली में 6,604, पंजाब में 4,227 और गुजरात में 3,725 लोगों की कोरोना से जान गई। स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 70 फीसदी लोगों को अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं।

आइसीएमआर के अनुसार दो नवंबर तक कुल 11,17,89,350 नमूनों की कोरोना की जांच की गई, जिनमें से 10,46,247 नमूनों का परीक्षण सोमवार को किया गया।

कोरोना को हराना है

– 24 घंटों में 38,310 नए मामले सामने आए, मृतक संख्या 500 से कम

– लगातार छठे दिन सक्रिय मामलों की तादाद छह लाख से कम रही

– 76 लाख से अधिक हुए स्वस्थ, ठीक होने की दर 91.96 फीसद

लगातार घट रहे हैं दैनिक सक्रिय मामले

-16 सितंबर को देश में सर्वाधिक 97,840 मामले सामने आए थे

-56 दिनों में 40 हजार से चरम पर पहुंचे थे मामले

-48 दिनों में घटकर 38 हजार हुए दैनिक पुष्ट मामले

-चार लाख सक्रिय मामले पिछले एक महीने में हो गए कम

-91.96 फीसद हो चुकी है देश में रिकवरी रेट

-11 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं देश में।

एम्स में 12,00 से ज्यादा बेड खाली

भूषण ने कहा कि आज की तारीख में राममनोहर लोहिया अस्पताल में 80 बेड, सफदरजंग अस्पताल में 140 बेड और एम्स में 12,00 से ज्यादा बेड खाली हैं। निजी अस्पतालों के संबंध में भी रणनीति को दिल्ली सरकार ने लागू किया है। इसके तहत कोरोना के कुल बेड और रिक्त बेड की संख्या सार्वजनिक की जाती है। जहां तक वेंटीलेटर की बात है, हमने दिल्ली में पर्याप्त संख्या में वेंटीलेटर मुहैया कराए हैं। भविष्य में किसी प्रकार की मांग आती है तो हम अतिरिक्त वेंटीलेटर भी मुहैया कराने की स्थिति में होंगे।

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