23 November, 2024 (Saturday)

क्या रूस को रोक सकेगी आर्थिक सख्ती? चीन पर गड़ी पूरे विश्व की निगाहें

यूक्रेन के दो हिस्सों को स्वतंत्र मानने के रूस के फैसले के बाद उसके खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों की तरफ से प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह प्रतिबंध मुख्यत: आर्थिक गतिविधियों पर हैं। क्या वाकई इन पश्चिम के इन प्रतिबंधों से रूस प्रभावित होगा या वह पहले से अधिक मजबूत है। क्या अमेरिका और अधिक सख्ती करेगा:

इस बार बेफिक्र दिख रहा है रूस

  • यूक्रेन संकट बढ़ने के साथ ही रूस पर अमेरिका व यूरोपीय देशों की तरफ से आर्थिक प्रतिबंधों की बरसात हो रही है, लेकिन इस बार रूस पहले से अधिक बेफिक्र दिख रहा है
  • स्वीडन में रूस के राजदूत विक्टर तार्तांरसतेव ने बीते सप्ताह एक साक्षात्कार में रूस की बेफिक्री जाहिर की। उन्होंने कहा था कि इन प्रतिबंधों की रूस तनिक भी परवाह नहीं करता
  • रूस पहले से ही इस तरह के प्रतिबंधों का सामना करता रहा है और इससे हमारी अर्थव्यवस्था व कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है

2014 से अब तक

  • रूस पर प्रतिबंधों की मार 2014 से ही है जब उसने यूक्रेन के साथ टकराव में क्रीमिया पर कब्जा कि या था। तब बाइडन तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन में उपराष्ट्रपति थे
  • संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा प्रतिबंध, कर्ज लेने पर रोक और तकनीकी हस्तांतरण पर लगाम जैसे कदम अमेरिका ने तब रूस के खिलाफ उठाए थे
  • रूस के प्रमुख वित्तीय व व्यापारिक संस्थानों पर रोक लगी थी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों को प्रतिबंधित किया गया था
  • इन सबके बावजूद बीते आठ साल में रूस की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ी है, व्यापार में प्रगति हुई है, जिससे स्पष्ट होता है कि इस बार प्रतिबंधों से पुतिन अधिर्क ंचतित नहीं हैं
  • पुतिन ने बीते आठ वर्षों में रूस की अर्थव्यवस्था को 1.5 ट्रिलियन डालर तक पहुंचा दिया है। रूस की तास समाचार एजेंसी के अनुसार पुतिन ने बीते शुक्रवार कहा था कि पश्चिम के प्रतिबंधों के बावजूद उनका देश अधिक आत्मनिर्भर हो चुका है। भविष्य में भी हम इसे मजबूत करते रहेंगे

विदेशी मुद्रा भंडार से निश्चिंतता

  • रूस अगर अमेरिका की धमकियों के बावजूद यूक्रेन के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखे है तो इसके पीछे उसकी समृद्ध होती आर्थिक शक्ति ही है
  • रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को न्यूनतम विदेशी प्रभाव की दिशा में अग्रसर किया है। रूस के केंद्रीय बैंक के अनुसार देश के पास जनवरी माह तक 630 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद था
  • सख्त प्रतिबंधों के समय रूस विदेशी मुद्रा का प्रयोग अपनी मुद्रा रूबल की कीमत बढ़ाने में कर सकता है
  • 2017 से रूस के विदेशी मुद्रा भंडार में पचास प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार रूस के सकल घरेलू उत्पाद का करीब एक तिहाई है
  • 1998 में बोरिस येल्तसिन वाले रूस की तुलना में पुतिन वाला रूस अलग और आर्थिक रूप से अधिक शक्तिशाली है
  • कोलंबिया के यूरोपीय संस्थान के निदेशक एडम टूज कहते हैं कि विशाल विदेशी मुद्रा भंडार के कारण रूस प्रतिबंध में खुद को अच्छे से संभाल सकेगा

पश्चिमी देशों के यह भी हो सकते कदम

  • चिप उद्योग पर रोक: अमेरिकी चिप कंपनियों को रूस को निर्यात पर प्रतिबंध के लिए आगाह किया गया है। शीतयुद्ध के समय भी अमेरिका ने चिप उद्योग को प्रतिबंधित किया था जिससे संघीय रूस तकनीक में पीछे रह गया था
  • स्विफ्ट से लेनदेन पर रोक: सबसे कड़ा प्रतिबंध रूस के वित्तीय तंत्र को स्विफ्ट से अलग रखना होगा स्विफ्ट अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन से संबंधित है और 200 से अधिक देशों के 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थान इससे जुड़े हैं। 2012 में स्विफ्ट ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान के बैंकों को अलग कर दिया था। इससे ईरान का तेल निर्यात राजस्व आधे से भी कम हो गया था

ऊर्जा निर्यात से असर संभव किंतु…

  • मध्य एशिया के पेट्रो समृद्ध देशों की तरह रूस के पास भी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के साथ अन्य संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं।
  • वह ऊर्जा उत्पादों का भारी निर्यात करता है। उर्जा और ईंधन क्षेत्र रूस की जीडीपी में 25 प्रतिशत का योगदान करता है और बजट का 30 प्रतिशत है। हालांकि ऊर्जा और ईंधन आपूर्ति पर पूरी तरह रोक लगना बहुत मुश्किल लगता है। यूरोपीय एजेंसी यूरोस्टैट के अनुसार, यूरोपीय यूनियन के देशों की प्राकृतिक गैस जरूरत का आधा और ईंधन का चौथाई हिस्सा रूस से आता है।चीन भी आएगा तस्वीर में
  • यूक्रेन संकट में चीन को पूरा विश्व उत्सुकता से देख रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग लंबे समय से पुतिन के साथ दोस्ती बढ़ा रहे हैं।
  • बीजिंग शीत ओलिंपिक में हुए एक 30 वर्षीय करार के अनुसार चीन साइबेरिया से गुजरने वाली पाइपलाइन के जरिये रूस से गैस खरीदेगा।
  • तकनीक के क्षेत्र में अमेरिकी रोक होने पर चीन अपनी कंपनियों के माध्यम से रूस की मदद कर सकता है।
  • अमेरिकी प्रतिबंध की स्थिति में रूस के बड़े बैंकों के साथ अधिक लेनदेन से चीन बचना चाहेगा, लेकिन वह छद्म तरीकों से यह काम कर पुतिन की मदद कर सकता है
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