यूपी में सीधी भर्ती प्रक्रिया से होगी नियुक्तियां, शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों के सृजन का शासनादेश जारी
शासन ने लखनऊ के पिपरसंड में निर्माणाधीन यूपी स्टेट इंस्टीट््यूट आफ फारेंसिक साइंसेज के संचालन के लिए निदेशक समेत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संवर्ग के 131 पदों का सृजन कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्यों की भूमिका बढ़ाने के लिए लगातार गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में इंस्टीट्यूट के पदों का सृजन कर भर्ती के लिए नियमावली बनाने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अगस्त को इस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया था। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इंस्टीट्यूट के लिए शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संवर्ग के कुल 131 पदों का सृजन किया गया है, जिसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। इन पदों पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर तथा सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्तियां होंगी।
यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंसेज के संचालन के लिए निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, प्रशासनिक अधिकारी, वित्त अधिकारी, पुस्तकालय सहायक, लेखाधिकारी, अकाउंटेंट, कैंपस सुपरवाइजर व सुरक्षा अधिकारी के एक-एक पद सृजित किये गये हैं। जबकि उप निदेशक, सहायक लेखाधिकारी, कंप्यूटर प्रोग्रामर के दो-दो पद सृजित किये गये हैं। इसके अलावा असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पांच, प्रोफेसर के तीन, एसोसिएट प्रोफेसर के छह, असिस्टेंट प्रोफेसर के 16, वैज्ञानिक अधिकारी के पांच, वैज्ञानिक सहायक के छह, वरिष्ठ सहायक के आठ, कनिष्ठ सहायक के 16, प्रयोगशाला सहायक के 14, स्टैनो के चार, कंप्यूटर आपरेटर के तीन, रिकार्ड कीपर के चार पदों का सृजन किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति के लिए गांधीनगर (गुजरात) स्थित राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय के मानक के आधार पर शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संवर्ग की नियमावली तैयार कर आगे की कार्यवाही की जायेगी। वहीं चतुर्थ श्रेणी के 20 पद व वाहन चालक के छह पद भी सृजित किये गये हैं, जिन्हें ठेके के माध्यम से भरा जाएगा। उल्लेखनीय है कि लखनऊ के पिपरसंड में लगभग 50 एकड़ भूमि पर इंस्टीट््यूट का निर्माण कराया जा रहा है। यहां लगभग पांच एकड़ भूमि पर डीएनए के सेंटर आफ एक्सीलेंस की भी स्थापना होगी।