Surya Grahan 2021 इस बार बन रहा अद्भुत संयोग, लोग उत्साहित
मुजफ्फरपुर, 10 जून 2021 को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस खगोलीय घटना को लेकर लोगों में उत्साह है। वे इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करना चाहते हैं। इसका प्रभाव कब से कब तक रहेगा और स्थानीय स्तर पर इसकी टाइमिंग क्या होगी, यह जानना चाह रहे हैं। जहां तक इस बार के सूर्य ग्रहण का सवाल है तो भारत में इसका प्रभाव नहीं के बराबर दिखने वाला है। यह केवल अरुणाचल और लद्दाख के कुछ भागों में दिखेगा। जाहिर है कि देश का अन्य हिस्सा इसको नहीं देख सकेगा। वह इस रोचक खगोलीय घटना का साक्षी होने से वंचित रह जाएगा। इसी तरह से धार्मिक मान्यताएं भी यहां काम नहीं करेंगी। मसलन सूतक का पालन देश के अन्य हिस्सा के लोगों को नहीं करना होगा। इसी दिन वट सावित्री व शनि जयंती का अद्भुत संयोग बन रहा है।
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक का इस बारे में कहना है कि सूतक उन्हीं जगहों पर मान्य होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है। चूंकि बिहार या मुजफ्फरपुर इस दायरे से बाहर है इसलिए यहां के लोगों पर सूतक लागू नहीं होगा। वे सामान्य दिनों की तरह अपना जीवन बसर कर सकते हैं। जहां तक अरुणाचल प्रदेश की बात है तो यहां यह शाम को 5:52 बजे देखा जा सकेगा। उसी तरह से लद्दाख में यह शाम 6 बजे देखा जा सकेगा। दुनिया के अन्य हिस्सों की बात करें तो यह भारतीय समय के अनुसार सुबह 11:42 बजे से आरंभ होकर शाम को लगभग 6:41 बजे खत्म हो जाएगा । धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण को बेहतर नहीं माना जाता है। इसका मानव जीवन पर कुप्रभाव ही देखने को मिलता है। इसलिए सूतक का विधान है। यूं तो अपने क्षेत्र में इसका पालन जरूरी नहीं है, लेकिन यदि इसका पालन किया जाता है तो इसके आंशिक कुप्रभाव की भी आशंका होती है तो खत्म हो जाता है। इस हालत में मंदिर को ग्रहण आरंभ होने के 12 घंटे पहले पूरी तरह से बंद कर देना होता है। वैसे भी अभी लाॅकडाउन में मंदिर को बंद ही रखने को कहा गया है। हां जातक को भोजन, मैथुन, यात्रा मूर्ति स्पर्श आदि नहीं करना चाहिए। स्पर्श होने के बाद स्नान दान आदि करना बेहतर माना गया है।