24 November, 2024 (Sunday)

शिक्षकों की कमी से छात्रों का भविष्य अंधकारमय, जीआइसी बर्दाखान में अध्यापकों के 13 पद रिक्त

जागरण संवाददाता, चम्पावत : सरकार के लाख दावों के बाद भी सरकारी विद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं हो पा रही है। जिले के कई स्कूलों में मानकों के अनुरूप अध्यापक न होने से शिक्षण व्यवस्था चौपट हो गई है। वर्ष 1972 में शुरू हुआ राजकीय इंटर कॉलेज बर्दाखान शिक्षकों की कमी के कारण छात्र विहीन होता जा रहा है। दस वर्ष पूर्व तक विद्यालय में ग्यारह से बाहर सौ तक छात्र संख्या हुआ करती थी, जो अब घटकर 200 के करीब पहुंच गई है।

पिछले पांच वर्षों से यहां महत्वपूर्ण विषयों के प्रवक्ताओं का अभाव चल रहा है, जिसके कारण छात्र संख्या भी घट रही है। इंटर कॉलेज में शिक्षकों के 27 पदों के सापेक्ष में 13 पद रिक्त चल रहे हैं। इंटर मीडिएट में भौतिक विज्ञान, गणित, हिंदी, संस्कृत, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, अंग्रेजी के प्रवक्ता नहीं हैं। सहायक अध्यापक एलटी में विज्ञान व अंग्रेजी का पद खाली चल रहा है। इसके अलावा मुख्य कार्यालय सहायक का एक पद व चतुर्थ श्रेणी के दो पद भी लंबे समय से नहीं भरे जा सके हैं।

पीटीए अध्यक्ष भवान कालाकोटी ने बताया कि पांच सालों से रिक्त पदों को नहीं भरा गया है जिसके कारण अभिभावक इस विद्यालय में अपने पाल्यों का दाखिला नहीं करवा रहे हैं। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के बाद कॉलेज में हाईस्कूल एवं इंटर की कक्षाएं चल रही हैं लेकिन शिक्षकों का टोटा होने के कारण कम बच्चे स्कूल आ रहे हैं। पूर्व बीडीसी सदस्य रमेश चंद्र, मोहन सिंह अधिकारी, नवीन कालाकोटी आदि ने बताया कि अगले साल मार्च माह तक रिक्त पद नहीं भरे गए तो क्षेत्र की जनता शिक्षा विभाग व प्रशासन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देगी।

इन ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं छात्र

बर्दाखान इंटर कॉलेज में कामाज्यूला, सूरी, नदेडा, भनखोला, मटियाल, रैघांव, पाड़ासोसेरा, लुवाकोट,  भनार, बिसराड़ी, नर्रा, छुलापै, सिमलखेत आदि गांवों से 10 से 12 किमी पैदल यात्रा कर बच्चे पहुंचते हैं। पर पठन पाठन चौपट होने के कारण उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। मुख्‍य शिक्षाधिकारी आरसी पुरोहित ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के प्रयास लंबे समय से हो रहे हैं। निदेशालय को पदों का ब्यौरा भेजा गया है। उम्मीद है कि शीघ्र महत्वपूर्ण विषयों के प्रवक्ताओं के पद भर दिए जाएंगे।

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