शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम को दूसरे दर्जे की बताने वाले अर्जुन रणतुंगा की बोलती बंद
शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका दौरे पर जो भारतीय टीम गई है उसे श्रीलंका के विश्व विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने दूसरे दर्जे की टीम बताया था। रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट की आलोचना करते हुए इस टीम के खिलाफ खेलना अपने देश के क्रिकेट बोर्ड का अपमान बताया था। इस भारतीय टीम ने रविवार को कोलंबो में पहले वनडे मैच में श्रीलंका को सात विकेट से ना सिर्फ हराया, बल्कि 263 रन का लक्ष्य सिर्फ 36.4 ओवर में हासिल कर लिया। अब रणतुंगा क्या कहेंगे?
रणतुंगा को पहले ही आलोचना झेलनी पड़ी थी, क्योंकि पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के अलावा कई और भारतीय क्रिकेटरों ने उन पर निशाना साधा था। इसके अलावा पाकिस्तान टीम के पूर्व खिलाड़ियों ने भी श्रीलंकाई टीम के पूर्व कप्तान की आलोचना की थी कि आप भारत की दूसरे दर्जे की टीम को हराकर दिखाइए, तब मानेंगे। ऐसा ही कुछ पहले वनडे मैच में देखने को मिला, जब भारतीय खिलाड़ियों ने इसे एकतरफा बना दिया।
श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका ने टास जीतकर भारत को पहले गेंदबाजी सौंपी। तेज गेंदबाज दीपक चाहर (2/37) और कुलचा के नाम से प्रसिद्ध कुलदीप यादव (2/48) और युजवेंद्रा सिंह चहल (2/52) की स्पिन जोड़ी के आगे श्रीलंका की टीम नौ विकेट पर 262 रन ही बना सकी। क्रुणाल पांड्या ने भी किफायती गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में सिर्फ 26 रन देकर एक विकेट लिया। श्रीलंका की ओर से आठवें नंबर के बल्लेबाज चमिका करुणारत्ने नाबाद 43 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे।
इसके जवाब में भारत ने पहली बार कप्तानी करने वाले शिखर धवन और पदार्पण वनडे खेलने वाले युवा विकेटकीपर इशान किशन के अर्धशतकों की बदौलत एकतरफा जीत हासिल की। धवन 95 गेंदों पर छह चौकों व एक छक्के की मदद से 86 रन बनाकर नाबाद लौटे, जबकि किशन ने 42 गेंदों पर आठ चौकों व दो छक्कों की मदद से 59 रन बनाए। इसके अलावा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 24 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 43 रन बनाकर भारत की जीत की नींव तैयार की, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
हार्दिक की वापसी
वर्ल्ड कप 2019 के बाद अपनी कमर की सर्जरी कराने वाले हार्दिक पांड्या ने टीम में वापसी काफी समय पहले कर ली थी, लेकिन वे विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे थे। हालांकि, अब उनको गेंदबाजी करते देखा गया है, जो कि टीम इंडिया के लिए अच्छी बात है, क्योंकि भारत के पास उन जैसा कोई तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर इस समय नहीं है।