तेल की कीमतें कम नहीं हुई तो घट जाएगी आर्थिक रिकवरी की रफ्तार : हरदीप सिंह पुरी
भारत ने बुधवार को दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तेल की कीमतें इसी तरह ऊंची बनी रहीं तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रहा सुधार प्रभावित हो सकता है। साथ ही उसने सऊदी अरब और दूसरे तेल उत्पादक देशों से आग्रह किया कि वे कीमतें घटाने और आपूर्ति सुनिश्चित बनाने की दिशा में कदम उठाएं। बता दें कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं। सेरावीक के इंडिया एनर्जी फोरम को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यदि ईंधन की कीमतें कम नहीं हुई तो दुनियाभर में अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार घट जाएगी।
पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के दौरान दुनिया के अधिकांश देशों में लगाए गए लाकडाउन के चलते मांग घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 19 डालर प्रति बैरल पर आ गई थीं। हालांकि पूरी दुनिया में हो रहे तेजी से टीकाकरण के चलते इस साल तेल की मांग बढ़ी तो कच्चा तेल चढ़कर 84 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। पुरी ने कहा कि ईधन महंगा होने से महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि देश का तेल आयात बिल जून 2020 की तिमाही में 8.8 अरब डालर था, जो इस साल बढ़कर 24 अरब डालर पर पहुंच गया। ऐसा होने की एकमात्र वजह तेल महंगा होना है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि ईधन की उपलब्धता ना केवल लगातार होनी चाहिए बल्कि यह सस्ती भी होनी चाहिए। विनाशकारी महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी कमजोर हो गई और तेल की ऊंची कीमतों के चलते इसे और खतरा पैदा हो गया है। भारत अपनी तेल जरूरत का लगभग दो तिहाई हिस्सा पश्चिम एशिया के देशों से आयात करता है। इसलिए उसने ओपेक देशों से आग्रह किया है कि तेल के ऊंचे दामों से वैकल्पिक ईधन की ओर तेजी से बढ़ना पड़ेगा और ऐसे में ये ऊंचे दाम उत्पादकों के लिए ही हानिकारक साबित होंगे। पुरी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सउदी अरब, यूएई, कुवैत, कतर, अमेरिका, रूस और बहरीन के साथ हुई बैठक में यह मुद्दा उठाया था।
पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर इजाफा
दो दिन बाद बुधवार को एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। इस तरह देशभर में ईधन की कीमतें सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं। कीमतों में की गई वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम 106.19 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 112.11 रुपये प्रति लीटर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। वहीं मुंबई में डीजल 102.89 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी में इसकी कीमत 94.92 रुपये प्रति लीटर है। लगातार चार दिन वाहन ईधन में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि के बाद सोमवार और मंगलवार को इनकी कीमत नहीं बढ़ाई गई थी।
बुधवार को कीमतों में हुई वृद्धि के बाद सभी राज्यों की राजधानियों पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर या उससे अधिक हो गई हैं। जबकि डीजल एक दर्जन से अधिक राज्यों में सैकड़े के स्तर को छू गया है। गोवा की राजधानी पणजी और झारखंड की राजधानी रांची में भी डीजल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया। सबसे महंगा ईधन राजस्थान के सीमावर्ती शहर गंगानगर में है जहां पेट्रोल 118.23 रुपये प्रति लीटर और डीजल 109.04 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पहली बार बुधवार को 84.43 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गई। एक महीने पहले इसकी कीमत 73.92 डालर प्रति बैरल थी।