नवरात्रि में करें मां दुर्गा के इन बीज मंत्रों का जाप, हर मनोकामना होगी पूर्ण
शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 07 अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है। इस वर्ष 07 अक्टूबर से प्रारंभ होकर नवरात्रि का समापन 15 अक्टूबर को विजयादशमी से होगा। नवरात्रि का समय मां दुर्गा को प्रसन्न करने का शुभ अवसर होता है। इन नौ दिनों में आप मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की विधिपूर्वक आराधना करके उनको प्रसन्न कर सकते हैं। इसके लिए आपको व्रत रखने के साथ पूजा के समय मां दुर्गा के 9 स्वरुपों के बीज मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। मां दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा आप पर होगी और आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस नवरात्रि आप मां दुर्गा के इन बीज मंत्रों के जाप से लाभ उठा सकते हैं। जागरण अध्यात्म में जानते हैं मां दुर्गा के इन बीज मंत्रों के बारे में।
नवरात्रि 2021: मां दुर्गा के बीज मंत्र
1. मां शैलपुत्री बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2. मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. मां चन्द्रघण्टा बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
स्तुति मंत्र
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. मां कूष्मांडा बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:।
प्रार्थना मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
5. मां स्कंदमाता बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
6. मां कात्यायनी बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
प्रार्थना मंत्र