24 November, 2024 (Sunday)

विधि विज्ञान संस्थान की जमीन पर था पूर्व मंत्री के करीबी बिल्डर का कब्जा, कब्रिस्‍तान व मस्‍ज‍िद की जमीन बताकर ली गई; सोता रहा प्रशासन

सरोजनीनगर के पिपरसंड स्थित रनियापुर में जिस जमीन पर रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य विधि विज्ञान संस्थान का शिलान्यास किया, वह कुछ समय पहले तक भूमाफिया के कब्जे में थी। भूमाफिया ने तहसील से लेकर राजस्व परिषद के अफसरों तक की मिलीभगत से आदेश भी करा लिया और सरकार सोती रही। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद सरकार हरकत में आई और भूमाफिया के चुंगल से जमीन मुक्त कराई गई। दरअसल, इस जमीन पर सपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री के करीबी बिल्डर ने कब्जा किया था।

10 मई 2016 को जिला प्रशासन ने सरोजनीनगर में यह जमीन पुलिस ट्रेनिंग अकादमी के नाम आवंटित की थी। भूमाफिया ने 23 जुलाई 2018 को राजस्व परिषद से 57.363 हेक्टेयर जमीन को मेसर्स अंतरिक्ष लैंड मार्क्‍स प्रा.लि. के नाम दर्ज कराने का आदेश पारित करा लिया था। अभिलेखों में दावा था कि जमीन मस्जिद और कब्रिस्तान की संपत्ति है और इसके आजीवन मुतवल्ली निगरानीकर्ता खुर्शीद आगा हैं। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड से अनुमति लेकर खुर्शीद द्वारा जमीन मैसर्स आधुनिक सहकारी गृह समिति लि. को बेची गई। समिति द्वारा जमीन को अंतरिक्ष लैंड मार्क्‍स नई दिल्ली के पक्ष में विक्रय किया गया। उधर, प्रशासन का दावा था कि जमीन ग्राम समाज की है। आदेश जारी होने के बाद प्रशासन सोता रहा। सात अगस्त 2018 को जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद खलबली मच गई। तत्कालीन डीएम कौशल राज शर्मा ने प्रशिक्षण निदेशालय के आवेदन पर तत्कालीन एसडीएम सरोजनीनगर चंदन पटेल को अमल दरामद नहीं करने का आदेश दिया।

दबाव के बावजूद खाली कराई जमीन:
सपा सरकार में कद्दावर मंत्री के करीबी बिल्डर ने जमीन पर कब्जा कर रखा था। तत्कालीन डीएम राजशेखर ने एक शिकायत पर जांच कराकर माफिया से जमीन खाली कराने के निर्देश दिए। मंत्री के भारी दबाव के बावजूद नौ दिसंबर 2015 को प्रशासन ने जमीन भूमाफिया के कब्जे से मुक्त करा ली थी। बिल्डर के चुंगल से सरकारी जमीन को मुक्त कराना कद्दावर मंत्री को रास नहीं आया था। कद्दावर मंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए तत्कालीन डीएम राजशेखर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला ऊपर तक गया आखिरकार कद्दावार मंत्री की जिद के आगे सरकार को राजशेखर को हटाना पड़ा। राजशेखर को हटाकर चर्चित अधिकारी सतेंद्र यादव को लखनऊ का चार्ज देना भी इसी मामले से जोड़ा गया। राजशेखर के हटने के बाद भूमाफिया ने अफसरों से साठगांठ कर राजस्व परिषद से अपने हक में आदेश पारित करा लिया था।
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *