‘लेडी सहवाग’ जो गेंदबाजों के छक्के छुड़ाती है, आतिशी अंदाज से बनाई नई पहचान
टेस्ट क्रिकेट को वनडे क्रिकेट, वनडे क्रिकेट को टी20 क्रिकेट, टी20 क्रिकेट को टी10 और टी10 क्रिकेट को कुछ ही गेंदों का खेल समझने वाले वीरेंद्र सहवाग भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उन्हीं की शैली का एक खिलाड़ी भारतीय टीम को मिल चुका है। भारतीय पुरुष टीम में जिस तरह वीरेंद्र सहवाग का दबदबा एक ओपनर के तौर पर रहता था। उसी तरह का हौसला और दबदबा आज भारतीय महिला टीम की 17 साल की ओपनर बल्लेबाज शेफाली वर्मा का है।
जी हां, वही शेफाली, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था। महज 15 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाली हरियाणा के रोहतक में जन्मीं शेफाली वर्मा ने बहुत कम समय में वो कर दिखाया है, जिसके लिए सालों लग जाते हैं। 24 सितंबर 2019 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वालीं शेफाली वर्मा को भारत की टेस्ट टीम में भी जगह मिल गई है। शेफाली का जो अंदाज टी20 क्रिकेट में देखा गया था। लगभग वही अंदाज उनका टेस्ट फॉर्मेट में भी देखने को मिला है।
बहुत कम समय में और सबसे कम उम्र में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट की रैंकिंग में नंबर वन बल्लेबाज बनने के बाद शेफाली का नाम क्रिकेट की दुनिया में काफी जाना-माना हो गया है। 17 साल की इस खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करते हुए जो कमाल दिखाया है, वो तारीफ के काबिल है, क्योंकि उन्होंने अपने विकेट का परवाह किए बिना इंग्लैंड की दमदार गेंदबाजी के खिलाफ आक्रमक शॉट खेलते हुए 96 रन की पारी खेली। शेफाली भले ही टेस्ट डेब्यू में शतक बनाने से चूक गई हों, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया है कि वे टुक-टुक करने वाली खिलाड़ियों में शामिल नहीं हैं।
टेस्ट क्रिकेट को लेकर अक्सर कहा जाता है कि क्रीज पर रहना है तो गेंदों को डिफेंड करते रहना होगा, लेकिन शेफाली की बल्लेबाजी शैली इस बात की इजाजत नहीं देती है। वे अच्छी गेंदों का सम्मान तो करती हैं, लेकिन अगर उनको ओवर की सभी गेंदें खराब मिलती हैं या उनकी रेंज में होती हैं तो वे उनको बाउंड्री के पार भेजने की क्षमता रखती है। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई 96 रनों की पारी में भी यही देखने को मिला, जब उन्होंने 152 गेंदों में 13 चौके और 2 छक्कों की मदद से 96 रन की पारी खेली।