Kisan Andolan: 30 जून को फिर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे किसान, देशभर में मनाएंगे हूल क्रांति दिवस
Kisan Andolan, देश में कोरोना की रफ्तार कम हो गई है। अधिकतर राज्य धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहे हैं। इस बी किसान भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं। देश में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन का करीब सात महीने होने वाले हैं। ऐसे में एक बार फिर से किसान आंदोलन में तेजी लाने की कवायद की जा रही है। इसको देखते हुए किसान 30 जून को एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 जून को देशभर के सभी प्रदर्शन स्थलों पर ‘हूल क्रांति दिवस'(Hool Kranti Day) मनाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अपने सातवें महीने के करीब है।
किसानों के मुताबिक, स्थानीय इलाकों के ग्रामीण और खाप भी 30 जून को होने जा रहे किसान विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 30 जून को जनजातीय क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, हमने सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित ग्राम सेलागर के आदिवासियों को अपना पूरा समर्थन दिया है, जो लोग क्षेत्र में सीआरपीएफ शिविर स्थापित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह जमीन बिना किसी रेफरल के ली जा रही है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा में भाजपा नेताओं, जजपा नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने और इन नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का भी फैसला किया है।
पहुंच रहे किसान संगठन
इसके अलावा AIKS, AIAWU और CITU के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा दल रविवार को सिंधु बॉर्डर क्षेत्र धरना स्थल पर पहुंचा। इसी तरह और भी कई प्रदर्शनकारी गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर इलाकों में पहुंच रहे हैं।
26 जून को किसानों का धरना
किसान संगठन आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों पर विरोध प्रदर्शन करेंग। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वे 26 जून को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे।
तेज करेंगे आंदोलन
जुलाई में राज्यों के सभी छोटे-बड़े किसान संगठनों को दिल्ली आने और राज्यों में ही छोटे प्रदर्शनो के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक बार फिर किसान संगठन देशभर में आवाज बुलंद करने की तैयारी में हैं।