24 November, 2024 (Sunday)

फ्रांस दौरे से पहले PM मोदी ने कहा, हम भारत को 2047 में एक विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फ्रांस दौरे से पहले कहा है कि वह भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ के मजबूत कंधे के तौर पर देखते हैं। फ्रेंच अखबार Les Echos को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि कोरोना के बाद वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव आया है, इसमें भारत-फ्रांस की साझेदारी अहम किरदार निभा रही है। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की वर्तमान व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 8 दशकों में दुनिया काफी बदल गई है और इस बदली हुई दुनिया में कई सवाल उठते हैं। उन्होंने अपने इंटरव्यू में भारत की बढ़ती आबादी से लेकर 2047 को लेकर अपने विजन तक, तमाम मुद्दों पर बात की।

UNSC में स्थायी सीट की भारत की दावेदारी पर भी बोले पीएम मोदी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के बारे में पूछे जाने पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मुद्दा सिर्फ विश्वसनीयता का नहीं है, बल्कि इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। मेरा मानना है कि दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी बहुपक्षीय शासन संरचनाओं के बारे में ईमानदार चर्चा करने की ज़रूरत है। इन संस्थानों के निर्माण के 8 दशक बाद दुनिया बदल गई है। सदस्य देशों की संख्या 4 गुना बढ़ गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था का चरित्र बदल गया है। हम नई तकनीक के युग में रहते हैं। नई शक्तियों का उदय हुआ है जिससे वैश्विक संतुलन में सापेक्ष बदलाव आया है। हम जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, अंतरिक्ष सुरक्षा, महामारी सहित नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विशेष रूप से, इस विसंगति का प्रतीक है। हम इसे वैश्विक निकाय का प्राथमिक अंग कैसे कह सकते हैं, जबकि इसमें अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के के सारे देशों को नजरअंदाज कर दिया गाय है? यह दुनिया की ओर से बोलने का दावा कैसे कर सकता है जबकि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश और और सबसे बड़ा लोकतंत्र इसका स्थायी सदस्य नहीं है? मुझे लगता है कि अधिकांश देश इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्या बदलाव देखना चाहते हैं, जिसमें भारत की भूमिका भी शामिल है। मैं इस मामले में फ्रांस द्वारा अपनाई गई स्पष्ट और सुसंगत स्थिति की सराहना करता हूं।’

‘हम 2047 में भारत को एक विकसित देश देखना चाहते हैं’

वहीं, 2047 में भारत के लिए अपने विजन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हम 2047, जो कि हमारी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ होगा, के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। हम 2047 में भारत को एक विकसित देश बनते देखना चाहते हैं। एक विकसित अर्थव्यवस्था जो अपने सभी लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और अवसरों की जरूरतों को पूरा करती है। भारत एक जीवंत और सहभागी संघीय लोकतंत्र बना रहेगा, जिसमें सभी नागरिकों के अधिकार सुरक्षित हों, उनके अधिकार सुरक्षित हों, वे राष्ट्र में अपने स्थान के प्रति आश्वस्त हों और अपने भविष्य को लेकर आशावादी हों।

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेता बनेगा। सस्टेनेबल लाइफस्टाइल, स्वच्छ नदियों, नीले आसमान और जैव विविधता से भरपूर और वन्य जीवन से भरपूर जंगलों वाला देश। हमारी अर्थव्यवस्था अवसरों का केंद्र, वैश्विक विकास का इंजन और कौशल एवं प्रतिभा का स्रोत होगी। भारत लोकतंत्र की ताकत का सशक्त प्रमाण बनेगा। हम अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित और बहुपक्षवाद के अनुशासन पर आधारित एक अधिक संतुलित बहुध्रुवीय दुनिया को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।’

पीएम मोदी ने कहा, भारत की सबसे मजबूत संपत्ति हमारे युवा हैं

यह पूछे जाने पर कि भारत की सबसे बड़ी आबादी दुनिया में इसके स्थान में किस तरह का बदलाव लाई है, पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत एक समृद्ध सभ्यता है जो हजारों साल पुरानी है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। भारत की सबसे मजबूत संपत्ति हमारे युवा हैं। ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश वृद्ध हो रहे हैं और उनकी आबादी कम हो रही है, भारत का युवा और कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति बन गए हैं। अनोखी बात यह है कि यह वर्कफोर्स खुले विचारों वाला है और लोकतंत्र में यकीन रखता है। आज भी, भारतीय प्रवासी, जहां भी हों, वे वहां की समृद्धि में में अपना योगदान देते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ‘जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ेंगे, हमारा जनसांख्यिकीय लाभांश, लोकतंत्र में हमारी गहरी जड़ें और हमारी सभ्यतागत भावना हमारा मार्गदर्शन करेगी। हम वैश्विक चुनौतियों से निपटने, ज्यादा एकजुट दुनिया का निर्माण करने, कमजोरों की आकांक्षाओं को आवाज देने और वैश्विक शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने में योगदान देने की अपनी जिम्मेदारी को पहचानते हैं। भारत वैश्विक चर्चा में अपना अनूठा और विशिष्ट दृष्टिकोण लाता है, और यह हमेशा शांति, एक निष्पक्ष आर्थिक व्यवस्था, कमजोर देशों की चिंताओं और हमारी आम चुनौतियों का समाधान करने के मुद्दे पर वैश्विक एकजुटता के पक्ष में खड़ा है।’

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *