हिमाचल प्रदेश के 68 विधायकों में से सिर्फ एक महिला विधायक, जानिए कौन हैं वो
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को भारी जीत मिली है जबकि बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतीं। वहीं बीजेपी 25 सीटें हासिल करने में कामयाब रही। इन सबके बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। हिमाचल में सिर्फ एक महिला विधायक ने जीत दर्ज कर पाई हैं।
बीजेपी की एक महिला विधायक
प्रदेश में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इस बार मैदान में किस्मत आज़मा रही 24 में से केवल एक ही महिला प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुईं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 6, आम आदमी पार्टी (AAP) ने पांच और कांग्रेस ने तीन महिलाओं को टिकट दिया था लेकिन केवल भाजपा की रीना कश्यप ही चुनाव जीत पाईं। कश्यप ने पच्छाद (एससी) सीट से फतह हासिल की है।
इन महिला नेताओं को हार का सामना करना पड़ा
उन्होंने 2021 में हुए उपचुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी। साल 2017 में, चार महिला उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रही थीं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और कांगड़ा के शाहपुर से चार बार विधायक रहीं सरवीन चौधरी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और डलहौजी से छह बार की विधायक आशा कुमारी, इंदौरा से भाजपा विधायक रीता धीमान, मंडी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर चुनाव हार गई हैं।
मुख्यमंत्री की दावेदार भी चुनाव में हारी
आशा कुमारी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल थी। राज्य के कुल मतदाताओं में करीब 49 फीसदी महिलाएं हैं। 1998 के चुनावों के बाद से महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा है और यह प्रवृत्ति पिछले पांच चुनावों से जारी रही है। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मत प्रतिशत 76.8 फीसदी रहा जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 72.4 फीसदी था।