Fight Against Corona in UP: योगी आदित्यनाथ सरकार ने NCR में बढ़ाई सतर्कता, दिल्ली सरकार के फेल होने पर बढ़ा खतरा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए एनसीआर में सतर्कता बढ़ा दी है। दिल्ली सरकार के इस जानलेवा वायरस के नियंत्रण में अपेक्षित रूप से सफल न रहने पर योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद गंभीर हो गई है। माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार की नाकामी देश के लिए मुश्किल बन गई है।
कोविड प्रबंधन को लेकर दुनिया में मिसाल बन गई योगी आदित्यनाथ सरकार ने एनसीआर तथा दिल्ली से सटे प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में काफी सतर्कता बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण रोकने में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नाकामी देश के लिए मुसीबत बनती जा रही है। कोरोना के सामने चारो खाने चित हुई केजरीवाल सरकार के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में भी कोरोना संक्रमण बढऩे का खतरा बढ़ गया है। इसका सबसे बड़ा असर एनसीआर पर पडऩे का खतरा है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एनसीआर के साथ ही सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस अधिकारियों को भी जरूरी निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना से निपटने की सबसे दमदार और सफल रणनीति लागू कर दुनिया के सामने मिसाल पेश कर चुकी योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर कोरोना को मात देने के लिए कमर कस ली है। डब्ल्यूएचओ से तारीफ पा चुकी उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमावर्ती जिलों में कोरोना के खिलाफ मोर्चेबंदी तेज कर दी है। रिकार्ड टेस्टिंग क्षमता और कोरोना अस्पतालों की श्रृंखला के साथ सरकार ने कांटैक्ट ट्रेसिंग भी तेज कर दी है।
दिल्ली से सटे इलाकों में कोरोना बढऩे की आशंका से लोगों में डर है। नोएडा, गाजियाबाद के लोग कोरोना की मुसीबत बढऩे का कारण दिल्ली की केजरीवाल सरकार की बड़ी नाकामी मान रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के हालात रोज बिगड़ रहे हैं। अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है। आईसीयू बेड भी मरीजों को नहीं मिल पा रहे हैं। रोज हजारों नए मरीज सामने आ रहे हैं। मरने वालों का आंकड़ा सरकार के आंकड़े से बहुत अधिक 500 प्रतिदिन पहुंच रहा है। कोरोना को लेकर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकार फटकार लगाते हुए उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। हाईकोर्ट ने दिल्ली में कोरोना को लेकर किए जा रहे इंतजामों पर गहरी नाराजगी जताई है। इसके बावजूद केजरीवाल सरकार कोविड को रोकने की दिशा में मजबूत कदम उठाने में नाकाम रही है। कोविड की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में केवल एक परीक्षण प्रयोगशाला थी मौजूदा समय में राज्य में 131 सरकारी प्रयोगशालाओं सहित 234 से अधिक प्रयोगशालाएं हैं। इनमें हर रोज लगभग 1.75 लाख नमूनों का परीक्षण होता है। यूपी ने सर्वाधिक 1.30 करोड़ से अधिक लोगों की कोरोना टेस्टिंग कर पूरे देश में रिकॉर्ड बनाया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीपीई किट, हाईफ्लोनैसलकैनुला (एचएफएनसी), वेंटीलेटर, आईसीयू के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे उपकरणों को तत्काल खरीद की। डॉक्टरों और पैरामेडिक्स को प्रशिक्षण देकर कोराना पर नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाया। राज्य में कुल 674 कोविड अस्पताल तैयार हैं। इन अस्पतालों में बिस्तरों की कुल उपलब्धता को 1.57 लाख तक बढ़ा दिया गया है। अब तक, राज्य के सभी 75 जिलों में आईसीयू बेड के प्रावधान वाले कम से कम एक या अधिक लेवल -2 कोविड अस्पताल हैं। कोविड प्रबंधन के दौरान सुव्यवस्थित एम्बुलेंस सेवाओं, ऑनलाइन ओपीडी सेवाओं, टेली-मेडिसिन और टेली-परामर्श सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं।
कोविड पर शानदार रणनीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी तारीफ की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गई विशाल तैयारियों ने कम से कम 85,000 लोगों की जान बचाई जो 2017 से पहले अकल्पनीय था। कोविड प्रबंधन और इस दौरान मजदूरों के भरण-पोषण व रोजगार उपलब्ध कराने की सीएम योगी की रणनीति की रिजर्व बैंक आफ इंडिया और नीति आयोग ने भी सराहना की है।