23 November, 2024 (Saturday)

दिल्ली में घटी ऑक्सीजन की डिमांड, केजरीवाल सरकार बोली- 582 मीट्रिक टन से भी चल सकता है काम

दिल्ली में घटते कोरोना रोगियों के साथ ही अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो गई है। जहां दिल्ली सरकार पहले 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन की मांग कर रही थी। वहीं अब दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के लिए 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पर्याप्त है।

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि दिल्ली को यदि 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी मिले तो उससे दिल्ली का काम चल जाएगा। राज्य सरकार के मुताबिक यदि दिल्ली को इससे ज्यादा की सप्लाई की जा रही है तो वह अतिरिक्त सप्लाई अन्य जरूरतमंद राज्यों को दे दी जाए ताकि वहां कोरोना रोगियों का उपचार किया जा सके।

दिल्ली में कोरोना के नए मामले तेजी से कम हुए हैं। पहले कोरोना के नए मामले बढ़ने पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी। साथ थी ऑक्सीजन बेड की भी डिमांड थी। हालांकि अब ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड दोनों की मांग में कमी आई है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में पहले दिल्ली के अस्पतालों में कम से कम 700 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। अदालत और केंद्र सरकार के सहयोग से 700 मीटर ऑक्सीजन एक ही दिन मिली। लेकिन पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलनी शुरू हो गई थी। पिछले 48 घंटे से दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं हुई।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस पूरे सहयोग के लिए हम केंद्र सरकार और हाईकोर्ट का धन्यवाद करते हैं। इस सहयोग के कारण दिल्ली में हजारों व्यक्तियों की जान बचाई जा सकी। दिल्ली में अब ऑक्सीजन की आवश्यकता 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन रह गई है।

मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली में लगभग 15 दिन पहले कोरोना के मामले बाढ़ की तरह बढ़ रहे थे। इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गया था। दिल्ली में प्रतिदिन 80 हजार से लेकर 1 लाख कोरोना टेस्ट रोज हो रहे थे। इन कोरोना टेस्ट में एक दिन में लगभग 28 हजार व्यक्ति तक पॉजिटिव पाए गए। हालांकि अब इसमें गिरावट आई है। अगर आज गुरुवार की बात की जाए तो पॉजिटिविटी रेट 14 फीसदी आ चुका है।

वैक्सीन की कमी को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा देश में वैक्सीन पॉलिटिक्स हो या न हो लेकिन वैक्सीन शॉर्टेज है। वैक्सीन की कमी पूरे देश में है। कहीं न कहीं वैक्सीन 6.50 करोड़ वैक्सीन निर्यात किए जाने के कारण भी वैक्सीन की उपलब्धता में कमी आई है। मुझे उम्मीद है कि कंपनियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कुछ करेगी।

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