डाटा मिसमैच से रिफंड रुका है तो चिंता न करें निर्यातक, अब एक हजार जमा करके ठीक कर सकते डाटा
निर्यातकों के लिए राहत भरी खबर है, डाटा मिस मैच की वजह से अब उनके रिफंड नहीं रुकेंगे। अब एक हजार रुपये फीस जमा करके िनिर्यातक अपने डाटा को ठीक करा सकेंगे और उसके बाद उनका रिफंड हासिल कर लेंगे। आइजीएसटी में इस व्यवस्था के लागू होने से निर्यातकों को परेशानियों से निजात मिलेगी और फायदा भी होगा।
इनवाइस पर इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स (आइजीएसटी) चार्ज कर निर्यात करने वाले कारोबारियों को धारा 54 के तहत आइजीएसटी का रिफंड प्राप्त होता है। यह रिफंड ऑनलाइन ही निर्यातक के खाते में क्रेडिट हो जाता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जीएसटीआर 1 की टेबल छह में वह निर्यात से संबंधित सभी डाटा को ठीक-ठीक अपलोड करे।
इसमें निर्यात की टैक्स इनवाइस, शिपिंग बिल, बिल ऑफ एक्सपोर्ट के विवरण के साथ ही टैक्स भुगतान के विवरण भी अपलोड करने होते हैं। रिफंड की प्रक्रिया के दौरान जीएसटीआर 1 का यह डाटा 3बी से मैच किया जाता है। यदि डाटा में कोई मिस मैच है या जीएसटीआर 1 की टेबल 6 में यह डाटा अपलोड नहीं किया गया तो ऑनलाइन रिफंड की प्रक्रिया नहीं हो पाती। इसकी वजह से बहुत से निर्यातकों के रिफंड अटक गए हैं।
अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए जारी किए गये हैं। बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि इनवाइस के मिसमैच में सुधार के लिए अब कस्टम अधिकारी 1,000 रुपये की फीस के भुगतान पर डाटा में सुधार का मौका देंगे। इसके जरिए जिन निर्यातकों के रिफंड अटके हुए हैं, वे अपने रिफंड मिसमैच को सुधार कर हासिल कर सकेंगे।